Chhattisgarh High Court- कस्टम मिलिंग घोटाला” मनोज सोनी को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

राजेन्द्र देवांगन
3 Min Read

बिलासपुर -छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले में फंसे मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा के दर्ज मामलों में जमानत दे दी है।

लगातार तीन दिन हुई सुनवाई के बाद आया फैसला

मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी
हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की बेंच में इस मामले की सुनवाई 13, 14 और 15 अप्रैल 2025 को हुई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 15 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुनाया गया है। आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि मनोज सोनी को ईडी और ईओडब्लू के दोनों प्रकरणों में जमानत दी जाती है।

क्या है कस्टम मिलिंग घोटाले का मामला?

वर्ष 2022-23 में हुए इस घोटाले में आरोप है कि चावल मिलरों से प्रति क्विंटल 20 रुपए की अवैध वसूली की गई थी। यह रकम कस्टम मिलिंग के नाम पर ली गई। मनोज सोनी, विपणन अधिकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा के माध्यम से रोशन चंद्राकर को निर्देश देते थे कि केवल उन्हीं राइस मिलरों के बिलों का भुगतान हो, जिनसे वसूली की रकम पहले मिल चुकी हो।

आयकर विभाग की छापेमारी और खुलासा

जब आयकर विभाग ने छापा मारा, तब 1 करोड़ 6 लाख रुपए नकद, कई डिजिटल डिवाइसेज और लेन-देन से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए। इस पूरे प्रकरण में करीब 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली का आरोप है, जिसे ईडी और ईओडब्लू ने गंभीर आर्थिक अपराध मानते हुए एफआईआर दर्ज की थी।

एक साल से जेल में थे मनोज सोनी

जमानत मिलने से पहले तक मनोज सोनी केंद्रीय कारागार रायपुर में करीब एक साल से बंद थे। उनके खिलाफ कई चावल मिलरों की शिकायतें भी दर्ज थीं, जिन्हें बाद में ईडी और ईओडब्लू ने जांच में शामिल किया।

इस केस में अब जमानत मिलने के बाद राजनीतिक हलकों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ जानकार मानते हैं कि यह घोटाला आने वाले समय में सरकारी अनाज वितरण प्रणाली और कृषि आधारित सरकारी योजनाओं पर गहरा असर डाल सकता है।

Share This Article