सुकमा तेंदूपत्ता घोटाला: निलंबित DFO अशोक पटेल 28 अप्रैल तक EOW रिमांड पर, 7 करोड़ के बोनस घोटाले में नए खुलासे

राजेंद्र देवांगन
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रायपुर, 27 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 7 करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में निलंबित डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) और भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी अशोक कुमार पटेल को शनिवार को EOW ने विशेष कोर्ट में पेश किया। कस्टोडियल रिमांड खत्म होने के बाद सुनवाई में EOW ने पटेल की पूछताछ के लिए अतिरिक्त रिमांड की मांग की। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने पटेल को 28 अप्रैल तक EOW की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

क्या है तेंदूपत्ता घोटाला?

सुकमा के तत्कालीन DFO अशोक कुमार पटेल और उनके सहयोगियों पर 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता सीजन में बोनस के रूप में तेंदू पत्ता संग्राहकों को दी जाने वाली 7 करोड़ रुपये की राशि में हेराफेरी का आरोप है। जांच में सामने आया कि पटेल ने वन विभाग के अन्य अधिकारियों, प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के प्रबंधकों, और कुछ स्थानीय नेताओं के साथ साठगांठ कर इस राशि का बड़ा हिस्सा हड़प लिया। तेंदू पत्ता संग्राहकों, जो ज्यादातर आदिवासी समुदाय से हैं, के बैंक खातों में यह राशि नहीं पहुंची।

पूर्व विधायक और पत्रकारों का कनेक्शन

जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इस घोटाले की राशि का कुछ हिस्सा पूर्व CPI विधायक मनीष कुंजाम और कुछ पत्रकारों को कथित रूप से दिया गया। EOW इस कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही है। मनीष कुंजाम के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई थी।

EOW की कार्रवाई और छापेमारी

  • FIR और छापेमारी: 8 अप्रैल 2025 को IPC की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज की गई। 10 अप्रैल को EOW और ACB ने सुकमा, डोरनापाल, कोंटा, और अन्य क्षेत्रों में 12 ठिकानों पर छापेमारी की।
  • बरामद सामग्री: छापेमारी में महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खातों की जानकारी, और निवेश से जुड़े कागजात बरामद हुए। DFO कार्यालय के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के घर से 26.63 लाख रुपये नकद जब्त किए गए।
  • अशोक पटेल की गिरफ्तारी: 17 अप्रैल को पटेल को सुकमा स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया और 23 अप्रैल तक EOW कस्टडी में रखा गया।

अनुपातहीन संपत्ति का मामला

तेंदूपत्ता घोटाले के अलावा, अशोक पटेल पर अनुपातहीन संपत्ति (Disproportionate Assets) का एक अलग मामला भी दर्ज है। इस मामले में भी उनके ठिकानों पर पहले छापेमारी हो चुकी है, और जांच जारी है।

EOW का रुख

EOW का कहना है कि यह घोटाला तेंदू पत्ता संग्राहकों के साथ बड़ा विश्वासघात है, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हैं। जांच में अन्य संलिप्त अधिकारियों, समिति प्रबंधकों, और बिचौलियों की भूमिका की भी तलाश की जा रही है। EOW ने कोर्ट से पटेल की रिमांड बढ़ाने की मांग इसलिए की, ताकि घोटाले के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।

क्षेत्र में चर्चा

यह घोटाला सुकमा के आदिवासी समुदाय में आक्रोश का कारण बना है, क्योंकि तेंदू पत्ता संग्रह उनकी आजीविका का प्रमुख स्रोत है। स्थानीय लोग निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं।

सुकमा का यह तेंदूपत्ता घोटाला न केवल वन विभाग में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करता है, बल्कि आदिवासी समुदाय के हक पर डाका डालने की साजिश को भी सामने लाता है।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)