Big Naxal Operation” ऑपरेशन से घबराए नक्सली, फिर पर्चा जारी कर अभियान को रोकने की अपील की…जानिए क्या कुछ लिखा पत्र

राजेंद्र देवांगन
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बीजापुर, 25 अप्रैल 2025*: छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर चल रहे बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी सैन्य अभियान के बीच नक्सलियों ने शांति वार्ता की अपील की है। नक्सली नेता रूपेश पर्चा ने एक पत्र जारी कर सुरक्षा बलों से अभियान को तत्काल रोकने की मांग की है, ताकि बातचीत का रास्ता खुल सके। यह अभियान बीजापुर जिले के करेगुट्टा पहाड़ियों में पांचवें दिन भी जारी है, जिसमें करीब 10,000 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।

अभियान में अब तक तीन नक्सली ढेर

सोमवार को शुरू हुए इस अभियान में गुरुवार को करेगुट्टा पहाड़ियों पर हुई मुठभेड़ में तीन महिला नक्सलियों को मार गिराया गया। सुरक्षाकर्मियों ने भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और अन्य सामग्री बरामद की। खुफिया जानकारी के अनुसार, नक्सलियों की पीएलजीए बटालियन नंबर 1, तेलंगाना राज्य समिति और दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के 500 से अधिक नक्सली, जिनका नेतृत्व हिडमा और दामोदर जैसे वरिष्ठ नक्सली कर रहे हैं, इस क्षेत्र में छिपे हैं।

नक्सलियों का दावा: हम बातचीत के लिए तैयार

रूपेश पर्चा, जो उत्तर पश्चिम बस्तर ब्यूरो के प्रभारी हैं, ने अपने पत्र में दावा किया कि नक्सली संगठन शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए अभियान को रोकना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सैन्य कार्रवाई के चलते उनके संगठन को भारी नुकसान हो रहा है और कई ठिकाने अब सुरक्षित नहीं रहे। यह अपील ऐसे समय में आई है, जब इस साल छत्तीसगढ़ में 144 नक्सली विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, जिनमें से अधिकांश बस्तर क्षेत्र से हैं।

सुरक्षाकर्मियों की स्थिति

अभियान में शामिल कुछ जवानों को डिहाइड्रेशन और हीटस्ट्रोक के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़ पुलिस की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (STF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और इसके कोबरा बटालियन के साथ-साथ तेलंगाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई है।

केंद्र और राज्य सरकार का रुख

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस अभियान को उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी इस ऑपरेशन को बड़ी सफलता की ओर बढ़ता हुआ बताया है।

आगे की स्थिति

नक्सलियों की शांति अपील के बावजूद, सुरक्षाकर्मी सतर्कता के साथ अभियान जारी रखे हुए हैं। बीजापुर, सुकमा और बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस साल 350 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं, जो दर्शाता है कि सुरक्षा बलों का दबाव बढ़ता जा रहा है।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)