जशपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर लाया गया आरोपी डायरेक्टर, पुलिस जांच में जुटी
रायपुर, 25 अप्रैल 2025
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बार फिर चिटफंड ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। तीन गुना मुनाफे का लालच देकर एक चिटफंड कंपनी ने 80 वर्षीय बुजुर्ग से 6 लाख रुपये की ठगी की। शुरुआती लाभ देने के बाद कंपनी बंद कर दी गई और इसके डायरेक्टर फरार हो गए। अब रायपुर पुलिस ने इस मामले में आरोपी को जशपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ शुरू कर दी है।
तीन गुना मुनाफे का सपना, बुजुर्ग की जमा पूंजी हड़पी
मंदिर हसौद थाना क्षेत्र के खोरबाहरा निवासी राम साहू ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि ‘विनायक होम्स एंड रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड’ नामक चिटफंड कंपनी के एजेंट ने उन्हें तीन गुना मुनाफे का झांसा दिया था। भरोसे में लेकर कंपनी ने उनसे कुल 6 लाख रुपये जमा करवा लिए। शुरू में 1 लाख रुपये का मुनाफा लौटाया गया ताकि भरोसा कायम रहे, लेकिन उसके बाद अचानक कंपनी का ऑफिस बंद हो गया और सभी डायरेक्टर्स फरार हो गए।
जशपुर जेल में बंद था एक आरोपी, रायपुर लाया गया पूछताछ के लिए
शिकायत मिलते ही पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कंपनी के एक डायरेक्टर फूलचंद बिसे को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, दूसरा आरोपी जितेन्द्र बिसे पहले से ही जशपुर जेल में एक अन्य ठगी के मामले में बंद था। उसे प्रोडक्शन वारंट के जरिए रायपुर लाया गया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है।
जशपुर कोतवाली में भी दर्ज है ठगी का मामला
जितेन्द्र बिसे और फूलचंद बिसे के खिलाफ पहले से ही जशपुर कोतवाली में चिटफंड ठगी का मामला दर्ज है। इससे यह साफ होता जा रहा है कि कंपनी एक सुनियोजित तरीके से आम जनता को निशाना बनाकर राज्यभर में ठगी कर रही थी।
पुलिस की जांच में और खुलासे संभव
फिलहाल मंदिर हसौद थाना पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि ठगे गए लोगों की संख्या बढ़ सकती है और इस मामले में अन्य राज्यों तक नेटवर्क फैलने की भी संभावना है। पीड़ितों से अपील की जा रही है कि वे आगे आकर अपनी शिकायतें दर्ज कराएं ताकि ठगों के खिलाफ मजबूत केस तैयार किया जा सके।
जनता को जागरूक रहने की जरूरत
एक बार फिर यह मामला आम जनता को चेतावनी देता है कि “ज्यादा मुनाफे का लालच अक्सर धोखा होता है।” चिटफंड कंपनियों द्वारा किए जा रहे ऐसे झूठे वादों से सावधान रहने और केवल मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थानों में ही निवेश करने की सलाह दी जा रही है।

राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)