श्रद्धालुओं की जान से खिलवाड़, ट्रस्ट की लापरवाही से फिर खुली सुरक्षा की पोल
राजनांदगांव, 25 अप्रैल 2025
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी धाम में शुक्रवार को रोपवे हादसे से हड़कंप मच गया। श्रद्धालुओं से भरी एक ट्रॉली अचानक गिर गई, जिससे मंदिर परिसर में अफरा-तफरी मच गई। हादसे में भाजपा के प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल राजनांदगांव भेजा गया है।
श्रद्धालुओं के लिए नहीं, सीमेंट-गिट्टी ढोने का जरिया बन गया रोपवे
स्थानीय सूत्रों का बड़ा खुलासा है कि श्रद्धालुओं की सेवा के लिए बने रोपवे का उपयोग अब निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट और गिट्टी ढोने में किया जा रहा था। इससे रोपवे की क्षमता और तकनीकी संरचना पर दबाव बढ़ गया, जो हादसे की एक बड़ी वजह मानी जा रही है।
बताया जा रहा है कि मेंटेनेंस सिर्फ कागज़ों में होता है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई सुरक्षा मानक नहीं अपनाए जा रहे।
मंदिर परिसर में मची भगदड़, रोपवे संचालन तत्काल रोका गया
हादसे के तुरंत बाद मंदिर ट्रस्ट, पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। घायलों को बचाया गया और रोपवे का संचालन तत्काल बंद कर दिया गया।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश देखा गया। कई लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या ट्रस्ट को सिर्फ चढ़ावे से मतलब है, श्रद्धालुओं की सुरक्षा से नहीं?
पहले भी हो चुके हैं हादसे, नहीं जागा ट्रस्ट प्रशासन
यह पहला मौका नहीं है जब डोंगरगढ़ रोपवे में हादसा हुआ है। बीते वर्षों में कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन हर बार ट्रस्ट की ओर से सिर्फ आश्वासन दिया गया और ज़मीनी स्तर पर कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मंदिर ट्रस्ट की घोर लापरवाही अब श्रद्धालुओं की जान पर बन आई है।
क्या किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार है?
इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा की अनदेखी को उजागर कर दिया है। डोंगरगढ़ जैसे प्रतिष्ठित तीर्थस्थल पर ऐसी तकनीकी लापरवाही न केवल ट्रस्ट प्रशासन की नाकामी है, बल्कि सरकार और पर्यटन विभाग की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह नियमित निरीक्षण और निगरानी सुनिश्चित करे।

राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)