तिरुवनंतपुरम | केरल के करियावट्टोम गवर्नमेंट कॉलेज में रैगिंग का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सात सीनियर छात्रों ने एक फर्स्ट ईयर छात्र के साथ न केवल बेरहमी से मारपीट की, बल्कि उसे थूका हुआ पानी पीने पर मजबूर करने की कोशिश भी की। कॉलेज प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी सात सीनियर छात्रों को निलंबित कर दिया है, जबकि पुलिस ने भी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
रैगिंग की यह घटना 11 फरवरी को कॉलेज में जूनियर और सीनियर छात्रों के बीच हुए झगड़े से शुरू हुई। इस दौरान एक फर्स्ट ईयर छात्र घायल हो गया, जिसने सीनियर्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इससे नाराज सीनियर छात्रों ने शिकायतकर्ता को ढूंढने के लिए उसके हॉस्टल में जबरन प्रवेश किया। जब वह नहीं मिला, तो वे उसके एक साथी छात्र को जबरदस्ती अपने साथ ले गए और उसे स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के एक्टिविटी रूम में ले जाकर प्रताड़ित किया।
पीड़ित छात्र के अनुसार, उसे घुटनों के बल बैठाकर करीब एक घंटे तक पीटा गया। जब उसने पानी मांगा, तो उसे थूककर पानी दिया गया और जब उसने पीने से इनकार किया, तो उसके साथ और ज्यादा मारपीट की गई।
कॉलेज प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज की एंटी-रैगिंग सेल ने पहले आंतरिक जांच की और कॉलेज व हॉस्टल में लगे सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की। स्पष्ट रूप से रैगिंग की पुष्टि होने के बाद सभी सात सीनियर छात्रों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
वहीं, पुलिस ने रैगिंग रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रैगिंग के बढ़ते मामलों पर चिंता
शिक्षण संस्थानों में रैगिंग को खत्म करने के लिए सख्त कानून और दिशा-निर्देश लागू हैं, बावजूद इसके ऐसे मामले सामने आना चिंता का विषय है। प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की रैगिंग का शिकार होने पर बिना डर के इसकी शिकायत करें, ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।