30 जनवरी 2025 को सुकमा जिले के पीएलजीए बटालियन नंबर 01 से संबंधित 09 हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। इनमें दो नक्सली दंपति शामिल हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कुल 52 लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया है। यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ शासन की “नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति” और “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर हुआ। नक्सली संगठन में शामिल इन नक्सलियों ने पुलिस के बढ़ते प्रभाव, सुरक्षा कैंपों की स्थापना और नक्सलियों के असंवेदनशील और अमानवीय विचारों से तंग आकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का विवरण:
1-कलमू मंगडू पिता नंदा (पीएलजीए बटालियन नंबर 01, कम्पनी नंबर 02, सेक्षन ए का डिप्टी कमांडर)
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- ईनाम: 8 लाख रुपये
- कार्यावधि: 2017 से 2024 तक सक्रिय
- शामिल गतिविधियां: ग्राम मिनपा मुठभेड़ (2020), टेकलगुड़ा हमला (2023)
- माड़वी बुधरी पति मड़कम मंगडू (दक्षिण बस्तर बटालियन नंबर 01, कम्पनी नंबर 02 सेक्षन बी की पार्टी सदस्य)
- ईनाम: 8 लाख रुपये
- कार्यावधि: 2018 से 2022 तक सक्रिय
- शामिल गतिविधियां: बीजापुर जीरागुड़ेम मुठभेड़ (2021)
- समीर उर्फ मिडियम सुक्का पिता स्व. देवा (पीएलजीए बटालियन नंबर 01, हेड क्वार्टर, कम्युनिकेशन टीम कमांडर)
- ईनाम: 8 लाख रुपये
- कार्यावधि: 2015 से 2024 तक सक्रिय
- शामिल गतिविधियां: भेज्जी-कोत्ताचेरू एम्बुष (2017), बुरकापाल मुठभेड़ (2017)
- रजनी उर्फ राजे उर्फ बीड़े (सदस्या, बटालियन हेड क्वार्टर, प्लाटून सेक्षन ए)
- ईनाम: 8 लाख रुपये
- कार्यावधि: 2018 से 2024 तक सक्रिय
- शामिल गतिविधियां: धरमावरम कैम्प फायरिंग (2024), ग्राम टेकलगुड़ा फायरिंग (2024)
- शांति कवासी पिता गंगा (बटालियन नंबर 01, कम्पनी नंबर 02, सेक्षन बी की पार्टी सदस्य)
- ईनाम: 8 लाख रुपये
- कार्यावधि: 2021 से 2024 तक सक्रिय
- शामिल गतिविधियां: टेकलगुड़ा-पुवर्ती फायरिंग (2024)
- मड़कम सोमड़ी पति मड़कम नंदा (प्लाटून नंबर 08 की पीपीसीएम)
- ईनाम: 8 लाख रुपये
- कार्यावधि: 2010 से 2022 तक सक्रिय
- धारित हथियार: 12 बोर
- नुप्पो नरसी पिता स्व. भीमा (पामेड़ एलओएस पार्टी सदस्य)
- ईनाम: 1 लाख रुपये
- कार्यावधि: 2017 से 2023 तक सक्रिय
- मड़कम हिड़मे पिता जोगा (दक्षिण बस्तर डिवीजन कृषि टीम सदस्य)
- ईनाम: 1 लाख रुपये
- कार्यावधि: 2021 से 2022 तक सक्रिय
- नुप्पो हुंगी पिता स्व. जोगा (सुरपनगुड़ा आरपीसी केएएमएस अध्यक्षा)
- ईनाम: 1 लाख रुपये
- कार्यावधि: 2005 से 2009 तक सक्रिय
आत्मसमर्पण में प्रमुख भूमिका:
इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डीआरजी, नक्सल सेल, आसूचना शाखा, थाना चिंतागुफा, विशेष आसूचना शाखा सुकमा और सीआरपीएफ की विभिन्न इकाइयां इस अभियान में शामिल रही हैं। ये संस्थाएं नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में कामयाब रही।
प्रोत्साहन और सहायता:
आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा “नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति” के तहत प्रति व्यक्ति 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि, कपड़े और अन्य सुविधाएं प्रदान की गई हैं। यह कदम उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने और पुनर्वास की दिशा में एक अहम पहल है।
नक्सली दंपति की विशेष स्थिति:
यह भी ध्यान देने योग्य है कि कलमू मंगडू और माड़वी बुधरी, समीर उर्फ मिडियम सुक्का और रजनी उर्फ राजे, ये दोनों दंपति नक्सलियों के बीच एक-दूसरे से प्रेम संबंधों में बंधे थे और विवाह किया था। यह उनके जीवन के एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने नक्सलवाद को छोड़कर सामान्य जीवन जीने का फैसला किया है।
आत्मसमर्पण का संदेश:
यह आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों और राज्य सरकार की कड़ी मेहनत, नीति और सुरक्षा रणनीतियों के साथ-साथ नक्सलवाद के खिलाफ जन जागरूकता का परिणाम है। यह कदम न केवल नक्सलियों के पुनर्वास का मार्ग खोलता है, बल्कि यह यह भी साबित करता है कि राज्य सरकार द्वारा की जा रही नीति और प्रयास सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं।
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