तिरुपति | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए बुधवार सुबह श्रीहरिकोटा से अपना 100वां रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च किया। GSLV-F15 रॉकेट ने NVS-02 उपग्रह के साथ उड़ान भरी, जो भारत की नेविगेशन प्रणाली को और मजबूत करेगा। यह लॉन्च भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
GSLV-F15 ने सफलता से भरी उड़ान
इसरो के अनुसार, GSLV-F15 रॉकेट की यह 17वीं उड़ान थी, जिसमें स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ यह 11वीं सफल लॉन्चिंग रही। यह मिशन 36,000 किलोमीटर ऊंची भूस्थिर कक्षा में NVS-02 उपग्रह स्थापित करने के लिए किया गया था।
नेविगेशन सिस्टम को मिलेगी नई मजबूती
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC) के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि इस मिशन के जरिए भारत के नेविगेशन उपग्रह तारामंडल (IRNSS) में पांचवां उपग्रह जुड़ गया है, जिससे देश की स्वदेशी नौवहन प्रणाली को और सशक्त किया जाएगा।
ISRO के लिए बड़ी उपलब्धि
भारत का 100वां अंतरिक्ष प्रक्षेपण न केवल वैज्ञानिक क्षमता का परिचायक है, बल्कि यह देश की आत्मनिर्भर अंतरिक्ष तकनीक को भी मजबूती प्रदान करता है। इस मिशन से भारतीय क्षेत्रीय नौवहन प्रणाली को अधिक स्थायित्व मिलेगा और स्वदेशी सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का नया अध्याय जुड़ेगा।