रायपुर। राजधानी रायपुर के टिकरापारा इलाके में चाइनीज मांझे के कारण एक सात साल के बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। रविवार को यह हादसा उस वक्त हुआ जब बच्चा अपने पिता के साथ बाइक पर जा रहा था। अचानक रास्ते में उसकी गर्दन चाइनीज मांझे की चपेट में आ गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद एक बार फिर चाइनीज मांझे की बिक्री पर सवाल खड़े हो गए हैं। बीते दिनों रायपुर के देवेंद्र नगर क्षेत्र में एक महिला वकील भी चाइनीज मांझे का शिकार होकर घायल हो गई थी। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी
सोमवार को इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डबल बेंच ने चाइनीज मांझे को बेहद खतरनाक बताते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने पूछा कि प्रतिबंध के बावजूद यह मांझा बाजार में कैसे उपलब्ध हो रहा है।
कोर्ट ने सरकार से पूछा:
- राज्य में प्रतिबंध के बावजूद बाजार में चाइनीज मांझे की उपलब्धता कैसे संभव है?
- क्या इस प्रतिबंध के पालन को लेकर कोई ठोस कार्रवाई की गई है?
- मृतक बच्चे के परिजनों को क्या मुआवजा दिया गया है?
- घायल महिला वकील के मामले में सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
मुख्य सचिव से जवाब तलब
हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है कि बाजार में चाइनीज मांझे की बिक्री अब तक क्यों जारी है और इन घटनाओं के मद्देनजर क्या कार्रवाई की गई है। अदालत ने राज्य सरकार को 29 जनवरी को अगली सुनवाई के दौरान विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
जनहित का मुद्दा
अदालत ने चाइनीज मांझे की बिक्री को जनहित का गंभीर मुद्दा करार देते हुए इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि चाइनीज मांझा अपनी धारदार संरचना के कारण बेहद खतरनाक होता है और इस पर पहले भी कई बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद यह चोरी-छिपे बाजार में बेचा जा रहा है।
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