सुकमा। नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। बीजापुर के कुटरू में आईईडी ब्लास्ट की घटना को छोड़कर, फोर्स नक्सल मोर्चे पर प्रभावी कार्य कर रही है। सोमवार, 20 जनवरी को सुकमा में एक बड़ी सफलता हाथ लगी जब 6 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का संकल्प लिया। इन नक्सलियों ने सुकमा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिसकी पुष्टि पुलिस अधीक्षक किरण वी चव्हाण ने की है।
“नियद नेल्लानार योजना” का दिख रहा असर
सुकमा एसपी किरण वी चव्हाण ने बताया कि बस्तर सहित सुकमा जिले में लगातार नक्सल उन्मूलन अभियान चलाए जा रहे हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इस योजना के तहत दुर्गम क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के कैंप भी स्थापित किए जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार की ओर से कई सुविधाएं दी जा रही हैं, जिसमें 25-25 हजार रुपये की त्वरित आर्थिक सहायता भी शामिल है।
इनामी नक्सली ने भी किया आत्मसमर्पण
एसपी चव्हाण ने बताया कि सरेंडर करने वाले नक्सली कई नक्सली वारदातों में शामिल रहे हैं, जिनमें स्पाइक होल लगाना, आईईडी प्लांट करना, पुलिस पार्टी की रेकी करना और नक्सली बैनर-पोस्टर लगाना शामिल है। आत्मसमर्पण करने वालों में कुंजाम मासा नामक नक्सली भी है, जिस पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित था।
सरेंडर करने वाले अन्य नक्सलियों की जानकारी
आत्मसमर्पण करने वाले अन्य 5 नक्सली जनताना सरकार और जन मिलिशिया के सदस्य रह चुके हैं। पुलिस के अनुसार, ये सभी संगठन के महत्वपूर्ण कार्यों में संलग्न थे और अब समाज की मुख्यधारा में लौटकर एक सामान्य जीवन जीने के इच्छुक हैं।
सुकमा में नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर पुलिस और प्रशासन ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है और इसे सरकार की नीतियों की सफलता का परिणाम माना जा रहा है।
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