रायपुर के ट्रांसपोर्टर से 46 लाख की ठगी: ट्रेडिंग एप्लीकेशन के नाम पर दिया झांसा, पुलिस जांच में जुटी

राजेन्द्र देवांगन
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कबीर नगर थाना क्षेत्र का मामला

रायपुर के कबीर नगर थाना क्षेत्र में एक ट्रांसपोर्टर से 46 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित, सुमित कुमार शुक्ला, जो हीरापुर के निवासी और ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करते हैं, ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। इस ग्रुप में ट्रेडिंग के जरिए कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का दावा किया गया। इसके बाद, उन्हें “HSBCIA” नामक एक एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा गया।

फायदे का झांसा और कमीशन की मांग

एप्लीकेशन में शुरू में लगातार ट्रेडिंग से फायदा दिखाया गया, जिससे सुमित को निवेश के लिए प्रेरित किया गया। अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाने के बाद, जब उन्होंने रकम निकालने की मांग की, तो ठगों ने 18 प्रतिशत कमीशन की शर्त रखी। सुमित ने कमीशन के पैसे भी दे दिए, लेकिन इसके बावजूद उन्हें उनकी रकम नहीं मिली। ठगों ने और पैसे मांगे और पुलिस कार्रवाई की धमकी दी, जिससे सुमित को शक हुआ।

साइबर सेल में शिकायत और पुलिस जांच

17 दिसंबर को सुमित ने साइबर सेल में मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अब उन बैंक खातों की जांच कर रही है, जिनमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे।


ठगी से बचने के उपाय

  • गारंटीड रिटर्न से बचें: कोई भी निवेश पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता। अगर कोई गारंटीड रिटर्न का वादा करता है, तो यह एक घोटाला हो सकता है।
  • प्लेटफॉर्म की जांच करें: निवेश करने से पहले कंपनी के वित्तीय इतिहास और प्लेटफॉर्म की जांच करें। सुनिश्चित करें कि वह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ पंजीकृत है।
  • सोचने का समय लें: वैध निवेश कंपनियां आपको सोचने का समय देती हैं। यदि कोई जल्दी निवेश करने का दबाव डालता है, तो सतर्क रहें।
  • व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखें: ऑनलाइन अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करते समय सावधानी बरतें। केवल मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म का उपयोग करें।

अन्य सामान्य ठगी के प्रकार और सावधानियां

जॉब ऑफर के नाम पर ठगी

  • कई एजेंसियां नगर निगम से गुमाश्ता लेकर गोरखधंधा चला रही हैं। ये कंपनियां अक्सर कंपनी एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं होतीं।
  • नौकरी के ऑफर पर पूरी जांच-पड़ताल करें और सतर्क रहें।

साइबर ठगी

  • पिछले दो वर्षों में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं। 22 लाख का लोन दिलाने के नाम पर 12 लाख ठगने का एक मामला भिलाई में सामने आया था।
  • मॉनिटरिंग की कमी के कारण खुद सचेत रहना आवश्यक है।

एडमिशन के नाम पर ठगी

  • कॉलेजों में एडमिशन और डिग्री दिलाने के नाम पर कई गिरोह सक्रिय हैं। व्यक्तिगत संबंधों का फायदा उठाकर ठगी करते हैं।
  • अपनी योग्यता पर भरोसा करें और अनधिकृत संस्थानों से सावधान रहें।

जमीन बिक्री में धोखा

  • जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर ठगी के मामले भी आम हैं।
  • जमीन खरीदने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें। राजस्व विभाग और जिला प्रशासन से संबंधित दस्तावेजों की पुष्टि करें।

इन्वेस्टमेंट के नाम पर झांसा

  • पैसे डबल करने या कारोबार बढ़ाने के नाम पर ठगी आम है।
  • किसी पुरानी और मान्यता प्राप्त कंपनी के दफ्तर जाकर उनके दस्तावेजों की जांच करें।

निष्कर्ष

हर निवेशक को सतर्क रहना चाहिए और जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए। ठगी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।

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