रेडक्रॉस चुनाव में हंगामा: भाजपा-कांग्रेस विवाद के बाद प्रक्रिया स्थगित

राजेन्द्र देवांगन
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रेडक्रॉस चुनाव में हंगामा: भाजपा-कांग्रेस विवाद के बाद प्रक्रिया स्थगित

भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन का चुनाव गुरुवार को भारी हंगामे के कारण स्थगित कर दिया गया। यह घटना सरगुजा जिला पंचायत सभाकक्ष में हुई, जहां भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नारेबाजी और झूमाझटकी हुई।

चुनाव प्रक्रिया में हंगामे की शुरुआत

चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने धांधली का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रिटर्निंग ऑफिसर के पास पहुंचकर पोस्टर फाड़ दिए और चुनाव को रद्द करने की मांग की। इस पर कांग्रेस कार्यकर्ता भी आक्रोशित हो गए और उन्होंने चुनाव कराने की मांग करते हुए जोरदार हंगामा किया। दोनों पक्षों के बीच झूमाझटकी की स्थिति उत्पन्न हो गई।

भाजपा और कांग्रेस के आरोप-प्रत्यारोप

  • भाजपा का आरोप:
    भाजपा ने आरोप लगाया कि रेडक्रॉस सोसाइटी ने उनके नए सदस्यों को जोड़ने से इनकार कर दिया और उनकी सदस्यता रसीद जारी नहीं की। उनका कहना था कि कांग्रेस के पास पहले से ही लगभग 600 सदस्य थे, जबकि भाजपा सिर्फ 120 सदस्य जोड़ पाई।
  • कांग्रेस का दावा:
    कांग्रेस ने भाजपा के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा ने हार के डर से जानबूझकर हंगामा किया और चुनाव को बाधित किया।

प्रशासन और निर्वाचन अधिकारी की प्रतिक्रिया

रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन आदित्येश्वर सिंहदेव ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद चुनाव स्थगित कर दिया गया। निर्वाचन अधिकारी सुनील नायर ने बताया कि स्थिति बिगड़ने के कारण कलेक्टर के निर्देश पर चुनाव स्थगित करना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि हंगामा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

भविष्य की प्रक्रिया पर सवाल

इस चुनाव को लेकर अब संशय की स्थिति है। चुनाव की नई तारीख और प्रक्रिया पर निर्णय कलेक्टर द्वारा लिया जाएगा।

सदस्यता विवाद और हंगामे के आरोप

रेडक्रॉस सोसाइटी में सदस्यता के लिए एक हज़ार रुपये की रसीद कटवाने की प्रक्रिया होती है। वर्तमान में सरगुजा में रेडक्रॉस के 757 सदस्य हैं। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने फर्जी रसीदों के माध्यम से सदस्य संख्या बढ़ाई, जबकि कांग्रेस ने इसे भाजपा की साजिश बताया।

टीएस सिंहदेव की उपस्थिति

पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव भी इस चुनाव प्रक्रिया में मौजूद थे। उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे थे। भाजपा के हंगामे के बाद सिंहदेव चुनाव स्थल से नीचे चले गए। इसके बाद कांग्रेसियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

निष्कर्ष

चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप की यह घटना दर्शाती है कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अब भी सुधार की जरूरत है।

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