‘कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को पता था, फिर भी अशोक चव्हाण को नहीं रोका’..!
नई दिल्ली : महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने पार्टी छोड़ दी है. कांग्रेस पार्टी के लिए यह बड़ा झटका है. चव्हाण से पहले बाबा सिद्दिकी और मिलिंद देवड़ा ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. बाबा सिद्दिकी ने अजीत गुट एनसीपी को ज्वाइन किया है. कुछ दिन पहले ही अशोक चव्हाण को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं थीं कि वह पार्टी छोड़ सकते हैं और उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है. फिर भी केंद्रीय नेतृत्व ने कोई फैसला नहीं लिया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया, ‘अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के बड़े नेता थे. उनका पार्टी से निकलना सकारात्मक खबर नहीं है. यह पार्टी के लिए बड़ा झटका है. वैसे लोग जो पार्टी की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध रहे हैं, मुझे लगता है कि वैसे नेता पार्टी नहीं छोड़ेंगे.’
पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि अशोक चव्हाण और प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के बीच संबंध सामान्य नहीं थे. सूत्रों के अनुसार चव्हाण महाराष्ट्र कांग्रेस में चल रही गतिविधियों से नाराज थे. उनके अनुसार पार्टी में एकजुटता का अभाव था.
जानकार बताते हैं कि महाराष्ट्र में अघाड़ी गठबंधन के घटक दलों के बीच सीट समझौते को लेकर बातचीत आगे बढ़ नहीं पा रही है, इसको लेकर भी अशोक चव्हाण अप्रसन्न थे. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ईटीवी भारत को बताया कि महाराष्ट्र में सीट समझौते पर बातचीत उद्धव गुट के रवैए के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही है.
अशोक चव्हाण ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले से बात की थी, और उन्हें सुझाव दिया था कि इसे जल्द से जल्द सुलझाया जाए. वरिष्ठ कांग्रेसी ने बताया कि इस तरह के हालात में पार्टी की केंद्रीय इकाई को हस्तक्षेप करना चाहिए था, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें सीनियर नेताओं के चले जाने का कोई गम नहीं है और भाजपा इस तरह के मौके के इंतजार में बैठी रहती है.
पार्टी के अंदरूनी जानकार बताते हैं कि पार्टी की शीर्ष इकाई को अशोक चव्हाण के बारे में जानकारी थी, लेकिन पार्टी ने समय रहते उनके मुद्दों को हल नहीं किया. 28 दिसंबर 2023 को कांग्रेस की नागपुर में हुई रैली के आयोजन में अशोक चव्हाण ने बड़ी भूमिका निभाई थी. 28 दिसंबर को ही कांग्रेस का स्थापना दिवस भी रहता है. उनसे पहले भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी अशोक चव्हाण ने नांदेड़ में राहुल गांधी के साथ रैली में भाग लिया था. इंडिया गठबंधन के साथ चल रही बैठकों से भी चव्हाण जुड़े रहे हैं.
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘आज की तारीख में विपक्ष की राजनीति करना आसान नहीं है. आप जिस तरह से राहुल गांधी से कठिन सवाल पूछते हैं, मोदी सरकार से इस तरह के सवाल नहीं पूछ सकते हैं. हमारे जितने भी नेताओं ने पार्टी छोड़ी है, वे किसी न किसी एजेंसी के दबाव में रहे हैं या फिर प्रलोभन में आकर वे वहां पर गए. इस तरह से लोग जो जाना चाहते हैं, हम उसे नहीं रोक सकते हैं.’
क्या कहा अशोक चव्हाण ने – पार्टी छोड़ने के बाद अशोक चव्हाण ने कहा कि वह किस पार्टी को ज्वाइन करेंगे, इसका निर्णय अभी नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि जब तक मैं कांग्रेस में रहा, मैंने पूरी ईमानदारी से पार्टी के लिए काम किया. चव्हाण ने कहा कि मैंने जीवनभर कांग्रेस के लिए काम किया और अब विकल्प तलाश रहा हूं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह सार्वजनिक रूप से कांग्रेस को लेकर कुछ नहीं कहेंगे. जब उनसे पूछा गया कि एनडीए सरकार ने श्वेत पत्र जारी किया था, जिसमें आपके कार्यकाल पर भी उंगली उठाई गई थी, इस पर उन्होंने कहा कि मेरे इस्तीफे से उस मामले का कोई संबंध नहीं है. अशोक चव्हाण के इस्तीफे पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि संभवतः वह राज्यसभा
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