कांकेर जिले में बुधवार को दो तेंदुए शहरी इलाके में घुस आए। यह घटना राजापारा स्थित गढ़िया पहाड़ से शुरू हुई, जहां तेंदुए पहाड़ से नीचे उतरते देखे गए। इस घटना के बाद राजापारा और भंडारीपारा के लोगों में डर का माहौल बन गया।
तेंदुओं का आना और छिपना
घटना का वीडियो सामने आया, जिसमें एक तेंदुआ पत्थर पर बैठा हुआ नजर आता है, जबकि दूसरा दूध नदी में उतरकर पानी पीता है और फिर झाड़ियों में छिप जाता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि एक तेंदुआ अभी भी गुफा में छिपा हुआ है।
भूख और प्यास के कारण तेंदुए शहरी इलाके में आ रहे
स्थानीय निवासियों का मानना है कि तेंदुए भूख और प्यास के कारण आबादी वाले इलाकों में आ रहे हैं। सुबह 5 बजे भी इन तेंदुओं को यादव होटल के पास देखा गया था। शत्रुघन यादव ने बताया कि उन्होंने वन विभाग को सूचना दे दी है।
तेंदुए ने मवेशियों पर किया हमला
लोगों के अनुसार, तेंदुए ने दिनभर में दो बार इलाके में आकर मवेशियों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन शिकार में असफल होने के बाद एक तेंदुआ पत्थर पर बैठा रहा, और फिर गुफा में जाकर छिप गया।
लोगों को तेंदुओं को देखने से मना किया गया
वन विभाग ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्थानीय लोगों को तेंदुओं को देखने जाने से मना किया है। इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों में डर का माहौल है, क्योंकि एक ही दिन में दो बार तेंदुए का आना चिंता का विषय बन गया है।
तेंदुआ क्षेत्र में आम देखा जाता है
राजेश यादव ने बताया कि राजापारा और भंडारीपारा के इलाके में पहाड़ी का ऐसा क्षेत्र है, जहां झाड़ियां बहुत कम हैं और तेंदुए यहां अक्सर देखे जाते हैं। इस इलाके से ही एक बार तेंदुआ शहर में घुस आया था, जिसने काफी आतंक मचाया था।
तेंदुए का शिकार: मुर्गी, बकरी और बछड़े
स्थानीय लोग बताते हैं कि कई बार इन इलाकों से मुर्गी, बकरी या मवेशी के बछड़े गायब हो जाते हैं, जिन्हें तेंदुआ अपना शिकार बनाकर ले जाता है। भंडारीपारा में गड़रिया परिवार द्वारा भेड़-बकरी पालन किया जाता है, और उनके यहां से भी अक्सर भेड़ और बकरियां गायब हो जाती हैं। हालांकि, इस समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है।