बिलासपुर। शहर के अज्ञेय नगर स्थित ईडब्ल्यूएस(आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग) की जमीन पर अतिक्रमण करने पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई है। इसके बाद भी निर्माण जारी रखा गया है। हाई कोर्ट ने प्रकरण में अतिक्रमण करने वाली महिला समेत अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
शहर के अज्ञेय नगर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के लिए 1.09 एकड़ जमीन सुरक्षित रखी गई है। इस पर कई लोग अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य करा रहे हैं। बिलासपुर सहकारी गृह निर्माण समिति की ओर से संचालक पीआर यादव ने इस मामले में वकील राजीव श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि बिलासपुर सहकारी गृह निर्माण समिति मर्यादित द्वारा वर्ष 1989 में अज्ञेय नगर कालोनी का निर्माण किया गया। 13 दिसंबर 1992 को इस कालोनी का हस्तांतरण नगर पालिक निगम को किया गया। नियमानुसार कालोनी की कुल जमीन का 15 प्रतिशत अर्थात 1.09 एकड़ जमीन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को आवंटित करना था। लेकिन, कालोनी बनने के 30 साल बाद भी जमीन का आवंटन आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को नहीं किया गया। बल्कि, सुरक्षित जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कराया जा रहा है। याचिका में बताया गया है कि संस्था द्वारा लगातार इसकी शिकायत नगर निगम से की जाती रही है। साथ ही अतिक्रमण व अवैध निर्माण पर रोक लगाने की मांग की गई। लेकिन, कलेक्टर, एसपी व निगम अधिकारियों ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया। इस मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सुरक्षित जमीन में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी भारती वाधवानी द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है। बुधवार को सुनवाई के दौरान इसकी जानकारी होने पर कोर्ट ने भारती वाधवानी सहित अन्य पक्षकारों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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