नई दिल्ली -उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि संभल में विवादित मस्जिद के पास स्थित कुआं वास्तव में सरकारी जमीन पर बना है। इतना ही नहीं कोर्ट मे सरकार ने यह भी कहा है कि जो विवादित शाही मस्जिद है, वह भी असल में सरकारी जमी न पर ही बनी हुई है।
दरअसल, देश की सर्वोच्च अदालत में यूपी सरकार द्वारा दायर रिपोर्ट में राज्य ने कहा कि कुआं, स्थानीय रूप से धरणी वराह कूप के रूप में जाना जाता है। और यह विवादित धार्मिक स्थल के अंदर नहीं बल्कि पास में स्थित है, और इस तरह, इसका मस्जिद/विवादित धार्मिक स्थल से कोई संबंध नहीं है।
पुनर्जीवित किए जा रहे कुएं’

यूपी सरकार द्वारा कहा गया कि मस्जिद वाला कुआं, उन 19 कुओं का हिस्सा है, जिन्हें जिला प्रशासन की ओर से पुनर्जीवित किया जा रहा है। इनका वर्षा जल संचयन और जल पुनर्भरण के बाद सभी समुदाय इनका इस्तेमाल कर सकेंगे। इन प्राचीन कुओं को दोबारा जीवित किया जा रहा है। इससे सांस्कृतिक रूप से भी संभल पर्यटन को आकर्षित करेगा।
क्या है मस्जिद को लेकर विवाद?
दावा किया जाता है कि मुगलकालीन मस्जिद, शाही जामा मस्जिद, हरि मंदिर नामक मंदिर को नष्ट करके बनाई गई थी, जिसके कारण धार्मिक स्थल को लेकर समुदायों के बीच विवाद पैदा हो गया है। मस्जिद प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी, 2024 को मस्जिद से सटे एक कुएं के संबंध में संभल नगरपालिका अधिकारियों द्वारा कथित रूप से जारी किए गए नोटिस के पालन पर रोक लगा दी थी ।
यूपी सरकार ने बताया ऐतिहासिक
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऐसा होना ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र होगा। मस्जिद समिति का आवेदन कुएं की पुनरुद्धार प्रक्रिया को ना सिर्फ नाकामयाब करने की कोशिश है, बल्कि यह क्षेत्र के संरक्षण, विकास एवं पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है, जैसा कि सुनवाई के दौरान किया गया था।मस्जिद और कुआं दोनों सरकारी जमीन पर…’ संभल में जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने रखा
संभल में जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने रखा पक्ष
स्टेट की तरफ से आगे कहा गया कि कुओं के जनता के उपयोग पर कोई रोक सही नहीं है। बड़े पैमाने पर समुदाय द्वारा कुओं की मांग की जा रही है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मस्जिद समिति के आवेदन को रद्द किया जाना चाहिए।