चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर सेल्फी और वीडियो बनाने के शौकीन मतदाताओं के लिए निर्वाचन आयोग ने सख्त चेतावनी जारी की है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदान की गोपनीयता बनाए रखने के लिए मतदान कक्ष में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है।
सोशल मीडिया पर फोटो-वीडियो शेयर करना अवैध
वर्तमान में सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो शेयर करने का चलन बढ़ गया है। खासतौर पर युवा मतदाता अक्सर इंस्टाग्राम, ट्विटर और व्हाट्सएप पर अपनी मतदान की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करते हैं। लेकिन ऐसा करना निर्वाचन कानून का उल्लंघन है।
मतदान केंद्र पर सेल्फी लेना पूरी तरह प्रतिबंधित
मतदान के दौरान फोटो खींचना, बैलेट यूनिट का बटन दबाते हुए वीडियो बनाना या मतदान केंद्र के अंदर सेल्फी लेना पूरी तरह निषिद्ध है।
मीडिया कवरेज के लिए कड़े नियम
मीडिया प्रतिनिधियों के लिए भी सख्त नियम बनाए गए हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार केवल पीठासीन अधिकारी द्वारा निर्धारित स्थान से ही कवरेज कर सकते हैं। बैलेट यूनिट का फोटो या वीडियो लेना उनके लिए भी वर्जित है।
नियम तोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई
जो भी व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है, उसके खिलाफ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 128 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने पर तीन महीने की जेल, आर्थिक दंड या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।
पीठासीन अधिकारी किसी भी मतदाता या मीडिया प्रतिनिधि को नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर तुरंत सेक्टर मजिस्ट्रेट को सूचित करेंगे और प्राथमिकी दर्ज कराएंगे।
इसलिए, सभी मतदाताओं से अपील है कि वे मतदान की गोपनीयता बनाए रखें और चुनाव आयोग के नियमों का पालन करें।

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