सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय: PG मेडिकल प्रवेश में राज्य कोटे का आरक्षण असंवैधानिक

राजेन्द्र देवांगन
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला, राज्य स्तर पर आरक्षण को किया रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मेडिकल पीजी कोर्स में राज्य कोटे के तहत स्थानीय निवासियों को दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय, सुधांशु धूलिया और एसवीएन भट्टी की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताते हुए यह निर्णय दिया।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: सभी भारतीय हैं, कोई राज्य या प्रांतीय अधिवास नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में स्पष्ट किया कि “हम सभी भारत के क्षेत्र में अधिवासी हैं। प्रांतीय या राज्य अधिवास जैसा कुछ नहीं है। केवल एक अधिवास है, हम सभी भारत के निवासी हैं।” कोर्ट ने यह भी कहा कि स्नातकोत्तर मेडिकल प्रवेश में किसी भी प्रकार का अधिवास-आधारित आरक्षण संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।

समानता के अधिकार की अहमियत: पीजी मेडिकल में राज्य के आरक्षण की संवैधानिकता पर सवाल

कोर्ट ने यह निर्णय लिया कि पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में राज्य द्वारा लगाए गए निवास संबंधी प्रतिबंध, समानता के अधिकार के विपरीत हैं। संविधान के अनुच्छेद 19 का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को देश भर में कहीं भी निवास करने, व्यापार करने और व्यवसाय करने का अधिकार है।

आरक्षण का भविष्य: पहले से लाभार्थी छात्रों पर नहीं होगा कोई असर

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस फैसले का प्रभाव पहले से आरक्षण का लाभ लेने वाले छात्रों पर नहीं पड़ेगा। पीजी पाठ्यक्रमों में आरक्षण को असंवैधानिक घोषित किया गया है, लेकिन यह निर्णय उन छात्रों पर लागू नहीं होगा जिन्होंने पहले ही अधिवास श्रेणी से प्रवेश लिया है।

मामले की पृष्ठभूमि: चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज में आरक्षण को लेकर हुआ था विवाद

यह मामला चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन पर उत्पन्न याचिकाओं से जुड़ा था। 2019 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य कोटे के आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई की और मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: एक और बड़ा कदम समानता की ओर

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने पीजी मेडिकल प्रवेश प्रणाली में एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे अब राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के आधार पर प्रवेश तय किया जाएगा।

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