रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जल्द ही बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकती है। राज्य सरकार ने परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक और उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर की गिरफ्तारी को मंजूरी दे दी है।
शीघ्र गिरफ्तारी की संभावना
पिछले महीने सीबीआई ने घोटाले के मुख्य आरोपी, पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक की गिरफ्तारी की अटकलें तेज हो गई थीं। हालांकि, पूछताछ के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था। अब सरकार से अनुमति मिलने के बाद सीबीआई कभी भी आरती वासनिक और ललित गणवीर को गिरफ्तार कर सकती है।
सरकारी अनुमति अनिवार्य
सीबीआई को सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक होती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस मामले में स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन सीबीआई को पहले अनुमति लेनी पड़ती है। राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद अब दोनों अधिकारियों की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।
पर्चा लीक में अहम भूमिका
सीबीआई की जांच रिपोर्ट में आरती वासनिक और ललित गणवीर की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया है। जांच में सामने आया है कि दोनों अधिकारियों ने पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के साथ मिलकर पीएससी परीक्षा का पेपर उनके परिजनों और अन्य प्रभावशाली लोगों को लीक किया था। बदले में बड़ी रकम की उगाही की गई थी।
घोटाले की पृष्ठभूमि
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2021 में आयोजित सीजीपीएससी परीक्षा का परिणाम 2023 में घोषित किया गया था। इसमें टामन सिंह सोनवानी के परिजनों सहित कई नेताओं और अधिकारियों के रिश्तेदारों का चयन डिप्टी कलेक्टर के रूप में हुआ था। मामला उजागर होने के बाद पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी।
नई सरकार की कार्रवाई
दिसंबर 2023 में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए। अब तक पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, उद्योगपति श्रवण गोयल सहित कई डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
अब राज्यपाल की अनुमति के बाद सीबीआई की कार्रवाई तेज होने की संभावना है।