जल जीवन मिशन: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नियमों का नोटिफिकेशन किया जारी

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ में हर घर नल नहीं लगे और किराया तय किया घरों से ‌60 रुपए हर महीने, टैंकर के एक हजार रुपए लगेंगे.जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल कनेक्शन नहीं लग पाए हैं, लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने किराया तय कर दिया है। इसके मुताबिक घरेलू कनेक्शन का शुल्क 60 रुपए प्रति माह होगा।

शादी या अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम में एक हजार रुपए प्रति टैंकर की दर से पानी मिल सकेगा। ग्राम पंचायतें हर तीन साल में इसमें वृद्धि कर सकेगी। हालांकि यह व्यवस्था सभी घरों में कनेक्शन लगने और पंचायतों को हैंडओवर होने के बाद लागू होगी।हर घर तक नल कनेक्शन से पेयजल सप्लाई के उद्देश्य से 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई थी। इसे 2024 तक पूरा करना था।

छत्तीसगढ़ में स्थिति बेहद खराब है। यहां 19656 गांवों में से सिर्फ 3448 में ही शत-प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन लगे हैं।हालांकि केंद्र सरकार की ओर से 1829 गांवों को ही अधिकृत तौर पर सर्टिफाई किया गया है कि वहां शत-प्रतिशत घरों में नल से पेयजल सप्लाई शुरू हो गई है। नल कनेक्शन भले ही नहीं लग पाए हैं, लेकिन पंचायत विभाग ने जल कर वसूलने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। ग्राम पंचायतों द्वारा यह राशि वसूल की जाएगी।

इसकी पूरी प्रक्रिया तय कर दी गई है। जैसे-जैसे पानी की टंकियां, घर-घर तक पाइपलाइन बिछने के बाद पानी की सप्लाई शुरू होगी, वैसे ही पूरा काम पीएचई से ग्राम पंचायतों को हैंडओवर किया जाएगा।ग्राम पंचायतें हर तीन साल में कर सकेंगी शुल्क में वृद्धि पंचायतों की जिम्मेदारी मोटर पंप की रिपेयरिंग या खराब होने पर बदलना।पंप हाउस में लगे कंट्रोल पैनल, बिजली कनेक्शन की मरम्मत।गांव में पाइपलाइन की मरम्मत, नई पाइपलाइन का विस्तार।नल, चबूतरा व स्टैंड पोस्ट की मरम्मत का काम।

बिजली बिल पेमेंट, क्लोरी नेशन, ऑपरेटर का पेमेंट।पीएचई की जिम्मेदारी नलकूप स्रोत का रखरखाव, नए स्रोत का निर्माण।पानी टंकियों की मरम्मत, लीकेज रिपयेरिंग। क्लोरीनेशन सिस्टम के इलेक्ट्रोड को बदलना।सोलर पंप का रखरखाव, वार्षिक संचालन -संधारण जल स्रोतों का टेस्ट, ताकि साफ पानी उपलब्ध हो।

हर पंचायत का अलग बैंक खाता खुलेगा जल कर वसूलने के लिए हर पंचायत का अलग बैंक खाता खुलेगा। ऐसे बैंक को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनमें यूपीआई की सुविधा हो। जहां ऐसे बैंक नहीं होंगे, वहां सहकारी या ग्रामीण बैंक में खाता खोलना होगा। इससे जो राशि मिलेगी, उस राशि से मेंटेनेंस किया जाएगा।

इन खातों का संचालन सरपंच व सचिव द्वारा किया जाएगा।जल जीवन मिशन के कार्य चल रहे हैं। समय में वृदि्ध का निर्णय भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। जैसे-जैसे काम होंगे, वैसे पंचायतों को हैंडओवर किया जाएगा और ग्राम पंचायतों द्वारा नियम के मुताबिक शुल्क लिया जाएगा। मोहम्मद कैसर अब्दुल हक, सचिव पीएचई,

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