आरोपी टीचर की तलाश में जुटी पुलिस।
बिलासपुर जिले के स्वामी आत्मानंद हिंदी-अंग्रेजी माध्यम स्कूल के लैब अटेंडेंट असिस्टेंट टीचर ने सातवीं कक्षा की छात्रा से गंदी हरकत की। इसकी शिकायत परिजनों ने विभाग के अधिकारियों से की। लेकिन, प्राचार्य और अफसर जांच का बहाना बनाते रह गए, जिससे परेशान
स्वामी आत्मानंद हिंदी-अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पचपेड़ी में संविदा भर्ती के तहत सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के पद पर एमडी शहजाद की नियुक्ति हुई थी। इस दौरान मो. शहजाद स्कूल की सातवीं कक्षा की छात्रा से अश्लील हरकतें करता था, जिससे छात्रा परेशान थी। लेकिन, वह इस घटना की जानकारी परिजनों को भी नहीं दे पा रही थी। किसी तरह हिम्मत जुटाकर छात्रा ने आप बीती परिजनों को बताई। जिसके बाद परिजन मामले की शिकायत लेकर स्कूल पहुंचे और विभाग के अफसरों को घटना की जानकारी दी।
शिक्षा विभाग के अफसरों ने नहीं की कार्रवाई तो परिजनों ने थाने में की शिकायत।
आरोपी टीचर को भगाने प्राचार्य पर आरोप बताया जा रहा है कि विभागीय शिकायत के बाद बीते 23 नवंबर को शिक्षा विभाग के मस्तूरी विकासखंड के अफसर जांच के लिए स्कूल पहुंचे। इस दौरान छात्रा के परिजन को भी बुलाया गया। आरोप है कि जांच अधिकारियों के आने की खबर मिलते ही प्राचार्य संतोष कोसले ने आरोपी टीचर शहजाद को स्कूल से भगा दिया।
विभागीय कार्रवाई नहीं होने से परेशान परिजन पहुंचे थाना इधर, शिक्षा विभाग के अफसर इस मामले की जांच के बहाने हीलहवाला करते रहे। उनका कहना था कि उन्होंने मामले की जांच रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है। लेकिन, एक सप्ताह बाद भी कार्रवाई नहीं होने से परेशान परिजन मामले की शिकायत लेक पचपेड़ी थाना पहुंच गए। उनकी शिकायत पर पुलिस ने आरोपी टीचर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। हालांकि, इस दौरान आरोपी टीचर फरार हो गया था, जिसके चलते उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई।
कलेक्टर ने लिया कड़ा एक्शन, आरोपी टीचर बर्खास्त FIR दर्ज होने के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित की और उन्हें स्कूल भेजा। जांच टीम के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार कक्षा सातवीं की एक छात्र को सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला एमडी शहजाद के द्वारा गलत नियत से बेड टच किया जाता था और वो अश्लील हरकतें करता था। जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने असिस्टेंट टीचर को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब मांगा। लेकिन, उसने नोटिस का संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। कलेक्टर ने उसके कृत्य को अनुशासनहीनता मानते हुए सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होने के कारण उसकी नियुक्ति निरस्त करने का आदेश दिया है।
Editor In Chief