नेशनल पार्क में मिला तेंदुए का शव
गुरु घासीदास नेशनल पार्क में जहां बाघ का शव मिला था, उससे कुछ किलोमीटर दूर कमर्जी रेंज में व्यस्क तेंदुए का शव शनिवार को मिला है।
तेंदुए ने एक मवेशी का शिकार किया था। कुछ दूर पर ही मवेशी का शव भी मिला है। इससे आशंका है कि तेंदुए को जहर देकर मारा गया ह.जानकारी के मुताबिक, टाइगर रिजर्व के लिए अधिसूचित गुरू घासीदास नेशनल पार्क में कोरिया जिले के रामगढ़ से करीब 25 किलोमीटर दूर कमर्जी रेंज के पंडो पहाड़ी में एक तेंदुए का शव मिलने की सूचना शनिवार सुबह वनविभाग के अधिकारियों को मिली।
सूचना पर नेशनल पार्क के अधिकारियों के साथ ही वाइल्ड लाइफ सीएफ आरके बढ़ई एवं फांरेसिक एक्सपर्ट एसपी सिंह की टीम मौके पर पहुंची। तेंदुए का शव सड़ने की स्थिति में स्थिति में आ गया था।नाले के पास पेड़ के नीचे पड़ा था मृत तेंदुआ जहर देकर मारने की आशंका, मवेशी का मिला शव मृत तेंदुआ करीब 6 से 7 साल की आयु का पूर्ण व्यस्क था।
जहां तेंदुए का शव मिला है, उसके आसपास गोमर्जा अभ्यारण के डॉग स्क्वायड की टीम ने खोजबीन की। खोजबीन में एक मवेशी का शव भी मिला है, जो सड़ने लगा था।
आशंका है कि तेंदुए ने ग्रामीणों के मवेशी का शिकार किया था, जिसके कारण मवेशी के मांस में जहर मिला दिया गया, जिसे खाने से तेंदुए की मौत हुई है। सड़ने की स्थिति में पहुंच गया था तेंदुए का शव गुरू घासीदास नेशनल पार्क के संचालक सौरभ सिंह ठाकुुर एवं वाइल्ड लाइफ के अधिकारियों की मौजूदगी में तेंदुए के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
सौरभ सिंह ठाकुर ने बताया कि तेंदुए के सभी अंग, नाखून, बाल एवं दांत सुरक्षित मिल हैं। तेंदुए का बिसरा जांच के लिए भेजा जा रहा है।बाघ का भी मिला था शव गुरू घासीदास नेशनल पार्क एवं सोनहत वन परिक्षेत्र की सीमा पर आरेंज जोन में एक बाघ का शव भी 10 दिनों पूर्व मिला था। यह इलाका कोरिया जिले में आता है।
हालांकि बिसरा जांच में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली ने बाघ की मौत जहर खुरानी से होने से इंकार किया है। बाघ घायल था एवं उसकी पसली की तीन हड्डियां टूटी थी।मामले में लापरवाही के आरोप में रेंजर विनय कुमार सिंह सहित 3 कर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई।
बाघ के शव की सूचना करीब चार दिनों बाद ग्रामीणों ने दी थी। नेशनल पार्क अधिकारियों को बाघ की कोई जानकारी ही नहीं थी।बाघ के बाद नेशनल पार्क में तेंदुए की मौत को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। वन अमला तेंदुए को जहर देने वाले ग्रामीणों की तलाश कर रही है।
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