विरोध प्रदर्शन: डेढ़ साल में नहीं बना स्कूल भवन, पालक और बच्चे आमरण अनशन पर बैठ गए

राजेन्द्र देवांगन
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गुरुवार की यह दोनों तस्वीर जिला मुख्यालय से 36 किमी दूर ग्राम भरदाकला की है, एक तस्वीर में सरकारी स्कूल का परिसर नजर आ रहा है, इस स्थान पर 48.42 लाख रुपए की लागत से हायर सेकेण्डरी स्कूल का नया भवन बनना प्रस्तावित है लेकिन स्वीकृति के डेढ़ साल बाद भी क.आंदोलन को समाप्त करवाने आश्वासन देने के लिए तहसीलदार, डीएसपी, डीईओ, बीईओ पहुंचे थे लेकिन पालक व बच्चे अड़े रहे। निर्णय लिया गया है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक रोजाना सुबह 10 से शाम 5 बजे तक आमरण अनशन करेंगे, जरूरत पड़ी तो भूखे रहकर प्रदर्शन करेंगे। हालांकि अफसरों ने आश्वासन दिया है कि 15 दिन में राशि स्वीकृत कराकर काम शुरू करवाएंगे। नया भवन बनाने की मांग को लेकर जब 20 अगस्त को सुबह 10.30 से दोपहर एक बजे तक अर्जुन्दा -गुंडरदेही- राजनांदगांव पहुंच मार्ग में गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद, पालकों व छात्र-छात्राओं ने चक्काजाम किया था।

तब आश्वासन मिला था कि 6 सितंबर तक काम शुरू हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।क्यों शुरू नहीं हो पाया काम सत्ता परिवर्तन इसलिए स्वीकृत राशि वापस: 2023 में कांग्रेस की सत्ता में नवा जतन योजना के तहत प्रशासकीय व तकनीकी स्वीकृति मिली थी लेकिन दिसंबर 2023 तक काम शुरू नहीं होने पर नई सरकार ने पुराने काम पर रोक लगा दिया।

काम निरस्त के संबंध में आदेश जारी हुआ। स्वीकृत राशि वापस मंगा ली।पुराने भवन तोड़ने फंड नहीं जब राशि स्वीकृत हुई, तब पीडब्ल्यूडी ने काम शुरू करवाने के लिए टेंडर जारी कर एजेंसी तय कर लिया लेकिन स्वीकृ़त राशि से पुराने भवन को तोड़ने का प्रावधान नहीं था। भवन तोड़ने में लगभग 4-5 लाख रुपए खर्च होता।

जिसके चलते मामला अटका रहा।चुनाव आचार संहिताभले ही सरकारी रिकॉर्ड में शासन स्तर से राशि स्वीकृत हो गई थी, विभागीय प्रक्रिया भी चल रही थी लेकिन विधानसभा, लोकसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता की वजह से विभागीय प्रक्रिया अटकी रही। जब तक ग्राम पंचायत स्तर से पुराने भवन को तोड़ा गया, तब तक शासन से स्वीकृत राशि वापस हो गई थी।

आश्वासन में ही बीत रहे दिन जपं के पूर्व सदस्य क्रांति भूषण साहू, पूर्व उपसरपंच नागेश देवांगन, भोपेंद्र साहू, दुष्यंत देशमुख, प्रवीण साहू, रामेश्वर यादव, गुलशन चंद्राकर, इरशाद, नामेश्वरी सहित अन्य पालकों ने कहा कि स्वीकृति के डेढ़ साल बाद भी नया शाला भवन बनाने काम शुरू नहीं हो पाया है और यहां आकर अधिकारी सिर्फ आश्वासन ही दे रहें है।

20 अगस्त को भी जब चक्काजाम हुआ था, तब आश्वासन मिला था लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया। आश्वासन के अनुरूप कुछ पहल करते तो आमरण अनशन करने की नौबत नहीं आती।दावा किया गया था कि नवा जतन योजना के तहत राशि नहीं मिलती है तो स्थानीय स्तर के फंड से काम करवाएंगे लेकिन अब तक दोबारा राशि स्वीकृत नहीं हुई है।

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