छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग के बड़े बड़े दावे खोखले साबित हुए दिख रहे हैं। जहां बरमकेला ब्लॉक के कोठीखोल की दर्जनों स्कूलों की स्थिति अति भयावह स्थिति में हैं।
जिसे लेकर छात्र छात्राये डरे सहमे रहते हुए प्राथमिक शाला के बरामदे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
माध्यमिक शाला में छात्र छात्राओं की दर्ज संख्या 4 और दो शिक्षक शिक्षिकाएं अध्यापन करते हैं।
शाला विकास समिति अध्यक्ष खुशीराम चौधरी ने कहा कि विद्यालय में पढ़ना मतलब मौत को निमंत्रण देना है।इस तरह की स्थिति मेरे अध्यक्ष रहते मै देख नहीं सकता
गांव में स्कूल की स्थिति को लेकर ग्रामीण शासन प्रशासन से दुखी हैं।
शासन प्रशासन जिस तरह से शांत बैठा है ऐसा लग रहा है मानो किसी बड़ी घटना दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं।
जहां बड़े शहरों में नई स्कूल कॉलेज का निर्माण किया जा रहा है और सरकार के द्वारा कहा जा रहा है कि शिक्षा को प्राथमिकता दिया जा रहा है वहां इस गांव का हाल देखने के बाद नहीं लग रहा है कि सरकार गांव के बच्चों को भी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं ।
गांव के लोगों को अपने बच्चों के आने वाले भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है, वह लोग शासन प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनका सुध इस गांव के विकास की ओर भी नजर आए और हमारे बच्चों के शिक्षा की की ओर, और उनके आने वाले भविष्य की ओर भी कदम उठाएं ।