प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में लगातार स्थानीय और प्रादेशिक स्तर पर भर्तियां निकल रही है।
बावजूद इसके अभी भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अर्थात एनएचएम में 5 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं।
करीब दो साल पहले एनएचएम में इन खाली पदों के लिए भर्ती का प्रस्ताव बना, यही नहीं जॉच पड़ताल में यह भी पता चला है कि एनएचएम में 9 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी हैं। जो लंबे अर्से से नियमितीकरण की मांग भी करते आ रहे हैं। इनकी नियुक्तियों को लेकर भी कोई बड़ा फैसला नवंबर में आ सकता है।जानकारों ने बताया कि 5 हजार से अधिक पदों पर भर्ती के लिए सैद्धांतिक सहमति पहले ही मिल चुकी है। इसके बाद भी वैकेंसी आने में देरी होने से युवाओं में निराशा है। उनका कहना है कि बड़ी संख्या में पद खाली होने और इसकी भर्ती की सहमति होने के बाद भी वैकेंसी आने मं देरी होना समझ से परे है। जल्द से जल्द भर्ती निकाली जाए ताकि युवाओं को राहत मिले।अनुमति का इंतजार एनएचएम के तहत जो पांच हजार से अधिक पोस्ट खाली हैं।
उनमें ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सहायक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, चिकित्सा अधिकारी, विशेषज्ञ डॉक्टर जैसे पद शामिल हैं। पिछले कुछ महीनों में डॉक्टरों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्तियां तो की गई है।लेकिन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ व प्रबंधन से जुड़े पद रिक्त हैं। अगर रिक्त पदों पर भर्तियों को हरी झंड़ी मिलती है, तो दिसंबर में आवेदन की प्रक्रिया भी शुरु हो सकती है। हालांकि प्रदेश में सीएमएचओ कार्यालय, अस्पतालों द्वारा स्थानीय स्तर पर भी सीधी भर्तियों के जरिए वक्त वक्त पर संविदा नियुक्तियां निकाली जा रही है।राज्य देता है 40 प्रतिशत अंशदान अफसरों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग 5 हजार पदों पर भर्तियों के लिए जल्द ही नए सिरे से प्रस्ताव बनाया जाएगा।
एनएचएम के तहत केंद्र की ओर से 60 और राज्य की ओर से 40% का अंशदान दिया जाता है। इसके जरिए ही योजनाओं का संचालन और कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है।पड़ताल में पता चला है कि छत्तीसगढ़ में एनएचएम के तहत 9 हजार से ज्यादा कर्मचारी अभी संविदा पदों पर काम कर रहे हैं। पुराने प्रस्ताव में पहले से काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियुक्तियों में प्राथमिकता की बात भी कही गई थी। लेकिन उस दौरान बहुत से कर्मचारी पदों के लिए निर्धारित आयु सीमा से अधिक यानी ओवर एज पाए गए।
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