रांची से रायपुर, अंबिकापुर व बिलासपुर चलने वाली रात्रिकालीन बसों में यदि सफर करना है तो पहले सीटों की स्थिति का पता लगा लेना जरूरी है।
क्योंकि छठ पर्व को लेकर अधिकांश रात्रिकालीन बसों की सीटें पहले से बुक हैं।
2 नवंबर से 10 नवंबर तक रात्रिकालीन बसों में सीटों की अमूमन यही स्थिति रहने के आसार है।जिन बसों की सीटें ऑनलाइन बुक होती हैं, उनमें 2, 3 व 4 नवंबर तक की अधिकांश सीटों की टिकट कट चुकी हैं।
इधर यात्री वापसी की टिकट भी पहले ही बुक करा ले रहे हैं। छठ पर्व सूर्य उपासना का महापर्व है। बिहार व झारखंड का यह सबसे बड़ा पर्व है। बिहारी देश विदेश के किसी भी कोने में हों, छठ पर्व के दौरान अपने घर जरूर पहुंचते हैं।
जशपुर इलाके में बसों में यात्रियों की भीड़ दीपावली से ज्यादा छठ पर्व के वक्त होती है। बिहार व झारखंड के अधिकांश लोग रायगढ़, अंबिकापुर, बिलासपुर व रायपुर सहित प्रदेश के अन्य इलाकों में रहते हैं। वे छठ पर्व के दौरान अपने घर पहुंचते हैं।
यही वजह है कि छठ पर्व को लेकर बसों में सीटों की मारामारी की स्थिति उत्पन्न हो रही है। मोटर कर्मचारी एसोसिएशन के सुनील मिश्रा ने बताया कि रात्रिकालीन अधिकांश बसों की सीटें ऑनलाइन बुक हो रही है। इस वर्ष छठ महापर्व की शुरूआत 5 नवंबर से हो रही है। 5 नवंबर को व्रती नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत करेंगे। इसके 6 नवंबर को खरना है।
व्रती खीर का भोग लगाकर प्रसाद बाटेंगे। 7 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य के साथ इस महाव्रत की समाप्ति होगी।दिवाली पर घर आए लोग भी लौटने लगे छठ पर्व व दीपावली की छुट्टियां खत्म होने के कारण दिन की बसों में भी भीड़ भाड़ रहेगी।
जशपुर से गुमला व रांची जाने वाली बसों में छठ के यात्री मिलने शुरू हो गए हैं। अगले तीन दिनों तक छठ पर्व के लिए लोगों का सफर इन बसों में होगा। इधर दीपावली की छुट्टियां खत्म हो चुकी है। दीपावली की छुटिट्यों में घर आए लोग भी अब अपने-अपने कामकाज पर लौटेंगे। इसलिए जशपुर से पत्थलगांव, बगीचा, कांसाबेल, रायगढ़ व अंबिकापुर जाने वाली बसों में भीड़ रहेगी।

