चाइना मेड हार्वेस्टर बेच किसानों से 25 करोड़ की ठगी, अब हार्वेस्टर के इंजन ब्लास्ट, गेयर, बेयरिंग-पट्टों में बड़ी खराबी
छत्तीसगढ़ के किसानों से ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। ठगी चाइनीज कृषि उपकरण निर्माता कंपनी जूम लॉयन ने की है। इस कंपनी ने लोकल डीलर्स के जरिए प्रदेश में अब तक 100 से अधिक हार्वेस्टर बेच दिए। प्रति हार्वेस्टर 25.5 लाख रुपए तक में बेचा। इस तरह किसानो.कंपनी ने गारंटी देकर हार्वेस्टर की मार्केटिंग की जिससे किसान झांसे में आ गए। मगर, आज खरीदने वाले परेशान हैं, क्योंकि हार्वेस्टर काम नहीं कर रहे। इंजन ब्लास्ट हो रहे हैं। गेयर बॉक्स, बेयरिंग, पट्टे सब में खराबी आ रही है। डीलर्स सर्विस नहीं दे रहे, क्योंकि पार्ट्स नहीं मिल रहे।
डीलर्स ने हार्वेस्टर रखने ही बंद कर दिए हैं।पड़ताल में पता लगा कि जूम लॉयन का ऑफिस कम यार्ड कटक और मुंबई में है। ट्रैक्टर, हार्वेस्टर बेचने वाले महासमुंद, दुर्ग, रायगढ़ के डीलर्स ने इस कंपनी की डीलरशिप 2021 में ली। फिर एजेंट्स को इन जिलों के अलावा अन्य जिलों के गांवों में भेजा। किसानों को हार्वेस्टर के बारे में बताया गया।
सस्ता, डीजल की कम खपत, कम समय में धान की कटाई जैसे फीचर्स से किसान झांसे में आ गए।बिना रजिस्ट्रेशन हार्वेस्टर बेचे: साल 2021, 2022 में किसानों द्वारा खरीदे गए जूम लॉयन कंपनी के सभी हार्वेस्टर में गड़बड़ी सामने आ रही है। तो क्या इस दौरान के सभी हार्वेस्टर में मैन्युफेक्चरिंग डिफॉल्ट था? कृषि विभाग के अधिकारी कहते हैं- गड़बड़ी पकड़ी जाती, इसलिए केंद्रीय एजेंसी से टेस्टिंग नहीं कराई। मंडी बोर्ड में रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया।
हार्वेस्टर के बारे में ये बतायाप्रति घंटा 7-8 लीटर डीजल लगेगा। 1000 घंटा ट्रैक की गारंटी। इंजन और गैयर बॉक्स में 2000 घंटे की गारंटी।बेल्ट व बेयरिंग में 1000 घंटे की गारंटी। टंकी की तेल क्षमता 120 लीटर। प्रति एकड़ धान की कटाई क्षमता 35-40 मिनट। दूसरी कंपनी की गाड़ी से 15-20 मिनट पहले कटाई।ऐसे फंसे: डीलर्स ने किसानों को स्कीम बताई, फाइनेंस करायाडीलर्स ने किसानों को लुभाने के लिए फाइनेंस स्कीम भी बताई।
किसानों ने 5 लाख, 8 लाख और 10 लाख रुपए नगद देकर बाकी राशि फाइनेंस करवा ली। भास्कर ने पड़ताल शुरू की तो एक-एक करके 34 किसान सामने आए। इनमें अधिकांश पिथौरा, सराईपाली, सोनाखान और बसना के हैं। इन्हीं क्षेत्रों में 60 हार्वेस्टर खरीदे गए। किसान बोले- एक सीजन से हार्वेस्टर ठीक चले, मगर दूसरे सीजन से जो प्रॉब्लम आनी शुरू हुई वह जारी है। ये डंप पड़े हुए हैं। किसान मजबूरी में हाथ से या ट्रैक्टर से धान कटाई कर रहे हैं।
इन्होंने उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज करवाया है।हर किसान को अलग-अलग कीमत में बेचा गया हार्वेस्टर27 नवंबर: उत्तम- 21.9 लाख। सोमेश देवांगन- 23.9 लाख। 29 नवंबर: तुलाराम साहू- 25.4 लाख। सितंबर, अक्टूबर, नवंबर 2022 में खरीदी: उपेंद्र चौधरी- 21 लाख। शोभाराम पटेल- 21.50 लाख। कृष्णा पटेल- 21.80 लाख। रविंद्र पटेल- 22 लाख। सुरेंद्र पटेल- 22 लाख। मिथलेश नायक- 22.45 लाख। सुरेश कुमार- 23.50 लाख। रोहित पटेल- 23.75 लाख।
पिताम्बर पटेल- 24.50 लाख। नीलकुमार पटेल- 23.70 लाख।दर्द- महासमुंद, गरियाबंद के किसान सामने आए, अन्य जिलों में भी पीड़ितपीडि़त किसान लोकनाथ नायक ने बताया कि किसानों को जो फीचर बताए गए, उनमें से आज एक भी काम नहीं कर रहे हैं। डीलर तो कोई जवाब नहीं दे रहा। मजबूरी में हम उपभोक्ता फोरम गए हैं। यह हम सभी के साथ ठगी है। एक अन्य पीड़ित तुलाराम साहू ने बताया कि इंजन ब्लास्ट होने के बाद 2 सीजन से हार्वेस्टर खड़ा है।
हम खड़ी मशीन की किस्त पटा रहे हैं। डीलर ने मुझे हार्वेस्टर 25.35 लाख रुपए में बेचा। हर किसी को अलग कीमतों में बेचा। भास्कर ने 10 से अधिक किसानों से बात की। किसानों ने मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री के नाम पत्र भी लिखा है।किसान फंसे, पर कंपनी पर कार्रवाई मुश्किल2021, 22 में फर्म और डीलर्स ने मंडी बोर्ड में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया राज्य में किसी भी कृषि उपकरण की बिक्री के लिए फर्म या डीलर को राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मंडी) में रजिस्ट्रेशन करवाना है।
साल 2021, 2022 में जब किसानों ने चीन की कंपनी जूम लॉयन के हार्वेस्टर खरीदे तब जूम लॉयन, सिंघानिया ट्रेक्टर्स पिथौरा और पटेल मोटर्स नाम के डीलर्स के बोर्ड में रजिस्ट्रेशन नहीं थे। मंडी बोर्ड अपर संचालक (कृषि) जीके पीडिया कहते हैं- जूम लॉयन ने 2023 में पंजीयन करवाया। इसके बाद किसानों ने सब्सिडी में इस कंपनी के हार्वेस्टर खरीदे। इनके संबंध में कोई शिकायत नहीं है।बिक्री के ये नियम विदेशी कंपनी को भारत में उपकरण बेचने के पूर्व केंद्र शासन में आवेदन करना होता है। टेस्टिंग में पास होने के बाद, केंद्र इसे सूची में जोड़ता है।
इसी आधार पर राज्यों में रजिस्ट्रेशन होता है।राज्य सरकार क्या कदम उठा सकती है? नहीं, क्योंकि राज्य के कृषि कानून में कृषि उपकरणों के बगैर रजिस्ट्रेशन के बेचने, खरीदी के बाद गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में किसानों को ही सावधानी बरतनी है। हां, फर्टिलाइजर की बिक्री को लेकर कानून में सख्त प्रावधान जरूर है।
एक्ट में संशोधन हो- एक्ट में कार्रवाई का प्रावधान न होने का फायदा कंपनियां उठा रही हैं, इसलिए संशोधन जरूरी है।हार्वेस्टर्स में परेशानी, कंपनी को मेल किए पर जवाब नहीं सारे हॉर्वेस्टर में प्रॉब्लम है। किसान मेरे पास आते हैं, क्योंकि मैंने हार्वेस्टर बेचे हैं। मैं क्या कर सकता हूं। कंपनी को कई मेल किए हैं, मगर जवाब नहीं आया। मैंने इस कंपनी के उपकरणों की बिक्री बंद कर दी है। रोहित पटेल, डीलर जूमलियन चाइना मेड कंपनी, पटेवा, महासमुंद
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