शराब घोटाले मामले में नई गिरफ्तारी: नकली होलोग्राम बनाने वाली कंपनी का अकाउंटेंट सुनील दत्त से 28 अक्टूबर तक ACB करेगी पूछताछ

राजेन्द्र देवांगन
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2000 करोड़ से ज्यादा के शराब घोटाले मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार को नकली होलोग्राम छापने वाली कंपनी प्रिज्म होलो ग्राफी एंड सिक्योरिटी प्रा. लि.के एकाउंटेंट सुनील दत्त को गिरफ्तार किया है।

वही आरोपी को स्पेशल कोर्ट में प.आरोपी एकाउंटेंट सुनील दत्त के द्वारा साल 2019 से 2022 के बीच प्रिज्म कंपनी के नोएडा स्थित मुख्यालय में डूप्लीकेट होलोग्राम का लेखा-जोखा रखा जाता था और असली होलोग्राम के साथ गलत तरीके से डूप्लीकेट होलोग्राम का नोएडा से रायपुर भिजवाया जाता था।

रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर और अरूणपति त्रिपाठी तीनों न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद है।पूछताछ के बाद हुई गिरफ्तारीACB EOW ने अपनी जांच में पाया कि पूर्व में जप्त परिवहन में उपयोग में आने वाले बिल जिसमें डूप्लीकेट होलोग्राम की संख्या एवं अन्य विवरण होते थे, उस पर सुनील दत्त के हस्ताक्षर भी होते थे।

जांच और पूछताछ के दौरान सुनील दत्त का भी नाम सामने आया जिसके बाद EOW की टीम ने आरोपी को पकड़ा है।ये आरोपी जेल में बंदशराब घोटाले मामले सिंडिकेट से जुड़े मुख्य आरोपी रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर,छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पूर्व MD अरूणपति त्रिपाठी , अरविंद सिंह , त्रिलोक सिंह ढिल्लन समेत अन्य आरोपी जेल में बंद है।होलोग्राम जो शराब की बोतल में लगाए जाते हैं।

ED ने इस पूरे घोटाले में शामिल लोगों को 3 पार्ट में बांटा हैपार्ट A- इसमें उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने छत्तीसगढ़ में शराब की आधिकारिक बिक्री के लिए शराब आपूर्तिकर्ताओं से अवैध कमीशन लिया।पार्ट B- वे लोग जिन्होंने राज्य में संचालित दुकानों से ही ऑफ-द-रिकॉर्ड अवैध देशी शराब की बिक्री की। डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माता, बोतल निर्माता, ट्रांसपोर्टर, ह्यूूमन रिसोर्स और जिला उत्पाद शुल्क अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ इसे किया गया था।पार्ट C- वे लोग जिन्हें डिस्टिलर्स ने कमीशन दिया।

मार्केट शेयर में हिस्सेदारी को आपस में बांटने की मंजूरी देने के लिए यह कमीशन दिया गया।जानिए…नकली होलोग्राम मामला क्या हैFIR के मुताबिक, नोएडा स्थित PHSF नाम की कंपनी को टेंडर मिला था। यह टेंडर छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से दिया गया। कंपनी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी।आरोप है कि, आबकारी विभाग के विशेष सचिव AP त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास, तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा ने टेंडर के लिए उसकी शर्तों में संशोधन किया। बदले में कंपनी के मालिक विधु गुप्ता से प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया गया। छत्तीसगढ़ में सरकारी दुकानों से अवैध देसी शराब की बोतल बेचने के लिए बेहिसाब डूप्लीकेट होलोग्राम लिए गए।फर्जी ट्रांजिट पास से होती थी सप्लाईटेंडर मिलने के बाद विधु गुप्ता नकली होलोग्राम की सप्लाई छत्तीसगढ़ के सक्रिय सिंडिकेट को करने लगा।

यह सप्लाई CSMCL के तत्कालीन एमडी अरुणपति त्रिपाठी के निर्देश पर हुई। सिंडिकेट के सदस्य डूप्लीकेट होलोग्राम को विधु गुप्ता से लेकर सीधे तीनों शराब निर्माता कंपनियों को पहुंचा देते थे।इन डिस्टलरीज में होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद अवैध बोतलों को फर्जी ट्रांजिट पास के साथ CSMCL की दुकानों तक पहुंचाया जाता था। फर्जी ट्रांजिट पास का काम छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से होता था।

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