डीजे और साउंड बॉक्स के शोर से आम लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के नेतृत्व वाली पीठ ने डीजे के साथ लेजर और बीम लाइट से होने वाली परेशानियों पर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि डीजे से हार.इसे रोकने के लिए राज्य सरकार को प्रयास करने चाहिए। वहीं, दो हस्तक्षेप आवेदन दिए हैं,
जिसमें आपात नंबर 112 पर सूचना दिए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने की जानकारी दी गई। महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल यानी एजी)ने इसे लेकर की गई कार्रवाई की जानकारी दी। अब इस मामले पर 20 नवंबर को सुनवाई होगी।कोर्ट रूम लाइव – लोग अपनी जिम्मेदारी समझें सीजे सिन्हा: डीजे के साथ लेजर लाइट के उपयोग से आम लोगों की आंखों को परेशानी हो रही है। डीजे से हार्ट के साथ ऐसे घूमने वाले लेजर लाइट से आंखों को खतरा हो रहा है।
डीजे और अन्य वाहन माउंटेड साउंड सिस्टम में लेजर लाइट पर पहले से ही रोक है। उल्लंघन पर जुर्माना लग रहा है। बार-बार उल्लंघन पर वाहन जब्त किए जा रहे हैं।सीजे सिन्हा: प्रतिमा विसर्जन के बाद लकड़ियों के ढांचे और अन्य तरह की गंदगी अनादर जैसा महसूस कराती है। कोर्ट इस बारे में निर्देश जारी नहीं कर सकता।
हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।राजधानी में टूटे नियम, 112 पर सूचना पर कार्रवाई नहीं डॉ. राकेश गुप्ता के आवेदन में बताया गया कि विभिन्न आदेशों और कानूनों के बावजूद राज्य सरकार त्योहारों के दौरान ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने की स्थिति में नहीं है। विभिन्न वाहनों और ई-रिक्शा का उपयोग किया जाता है, जिनमें ध्वनि एम्पली फायर लगाए जाते हैं। अधिकारियों के साथ ही डायल 112 में भी शिकायत करने के बाद कार्रवाई नहीं की जा रही है।