पेंड्रा मामले में रविवार को हाइकोर्ट में हुई अर्जेंट सुनवाई।
छत्तीसगढ़ के पेंड्रा के अमरपुर गांव में बहुचर्चित अतिक्रमण मामले में नया मोड़ आ गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर की गई अर्जेंट रिट पिटीशन पर सुनवाई करते हुए अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी।
साथ ही आदेश को यथा स्थिति बरकरार रखने के न.दरअसल, बसंतपुर से अमरपुर और पेंड्रा के बीच जो सड़क बनाई गई, उसमें सड़क मद की शासकीय भूमि में लोगों ने अतिक्रमण कर लिया। इतना ही नहीं कुछ निजी लोगों की जमीन पर सड़क बना दी गई।
इस मामले में स्थानीय निवासी मनीष पांडेय ने पहले हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए बीते फरवरी 2024 में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 6 महीने के भीतर प्रकरण का विधिवत निराकरण करने का निर्देश दिया था।अतिक्रमण हटाने की कोई पहल नहीं हुईयह अवधि बीत जाने के बाद भी जब अतिक्रमण हटाने की कोई पहल नहीं हुई तो एडवोकेट अच्युत तिवारी के माध्यम से अवमानना याचिका दायर किया गया था।
जिसमें जिले की कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार पेंड्रा को पक्षकार बनाया गया।इस पर जस्टिस एन के व्यास ने सुनवाई करते हुये शासन को हर हाल में 21 अक्टूबर तक शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश देते हुए अंतिम अवसर प्रदान किया गया था। वहीं इसके पालन में प्रशासन द्वारा फिलहाल 12 लोगों को नोटिस जारी किया गया और 21 अक्टूबर को अतिक्रमण हटाने की तैयारी की जा रही थी।
अर्जेंट रिट पिटीशन पर हुई सुनवाईप्रभावितों में से बलराम जोशी की अर्जेंट रिट पिटीशन पर हाईकोर्ट में रविवार को सुनवाई हुई और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने इस कार्रवाई पर रोक लगाते हुए आगामी सुनवाई तक यथा स्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए।कोर्ट ने कहा कि प्रभावितों को पूर्व में भी पक्षकार नहीं बनाया गया और अतिक्रमण हटाए जाने के आदेश के खिलाफ इन लोगों को अपील करने का अधिकार है। वहीं इस आदेश के बाद स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है।