राज्य में विकास को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार नई औद्योगिक नीति को लागू करने जा रही है। यह नीति राज्य में 1 नवंबर से लागू होगी। इसके तहत छोटे और मझोले उद्योंगों को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिए जाने की योजना है। उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि नई नीति से रोजगार के कई अवसर बनेंगे।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में निवेश करने पर कई तरह की छूट मिलेगी। नई औद्योगिक नीति के ड्राफ्ट में 12 वर्षों तक विद्युत शुल्क में छूट देने, भूमि, शेड, भवन की खरीदी पर लगने वाले स्टांप शुल्क में 30 प्रतिशत तक छूट देने का प्रविधान है।
पंजीयन शुल्क में 50 प्रतिशत तक सरकार छूट देगी। नई औद्योगिक नीति 2024-29 राज्य में एक नवंबर से लागू होगी। इस नीति में छोटे और मझोले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रूप से प्रविधान किए गए हैं। बताते चलें कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश जैसे राज्य पहले ही निवेश आकर्षित करने के लिए 40 प्रतिशत तक छूट दे रहे हैं।
इन चीजों पर सरकार का जोर
नई नीति में कैपिटल कैप की सीलिंग समाप्त करने, नए उद्योगों-पुराने उद्योगों के विस्तार पर छूट देने, फार्मा, टेक्सटाइल, आईटी जैसे उद्योगों को प्राथमिकता देने, लाजिस्टिक हब बनाने, एकीकृत औद्योगिक पार्कों की स्थापना, खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता, स्टील सेक्टर में वैल्यू एडिशन वाले उद्योगों की स्थापना पर भी जोर दिया गया है।
रोजगार का बढ़ेगा दायरा
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि नई औद्योगिक नीति के आधार पर यहां निवेश करने का एक बड़ा आकर्षण होगा। यह न केवल राज्य के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान करेगा। इससे प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातावरण का निर्माण होगा और प्रदेश के निवासियों को रोजगार मिलेगा।
अभी राज्य में ये बड़ी कंपनियां
राज्य में लगभग 600 बड़ी कंपनियां चल रही हैं। इसमें से हाल ही में राज्य की छह इकाईयां क्रमशः श्रीवासु लाजिस्टिक लिमिटेड, जैनम फेयरो एलोएस लिमिटेड, केएन एग्री रिर्सोसेस लिमिटेड, अर्हम टेक्नालाजिस लिमिटेड, चमन मेटालिक्स लिमिटेड और एटमास्टको लिमिटेड राष्ट्रीय स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध हुई है।
वहीं, देश में लगभग 2,512 कंपनियां एनएसई में पंजीकृत हैं। इनकी कुल बाजार पूंजी करीब 464.38 लाख करोड़ रुपये है।
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