मां पाताल भैरवी मंदिर परिसर में शरद पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार की रात हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने जड़ी-बूटी युक्त खीर का प्रसाद ग्रहण किया। हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचे और श्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को जड़ी बुटीयुक्त खीर प्रसाद का निश.संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’ ने बताया कि पिछले 28 वर्षों से दुर्लभ जड़ी बूटियां एकत्रित कर पौराणिक मान्यताओं अनुसार जड़ी बूटी युक्त खीर प्रसादी तैयार कर श्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को ब्रम्हमुहूर्त में वितरीत की जाती है।
इस वर्ष भी संस्था द्वारा कल 16 अक्टूबर को अश्विन शुक्ल शरद पूर्णिमा पर खीर प्रसाद तैयार करवाया गया था। जिसे शरद पूर्णिमा की रात्रि अमृतरूपी बूंदों से प्रसाद तैयार कर श्रद्धालुओं को प्रात: ब्रम्हमुहूर्त पर मां पाताल भैरवी सहित ब्रम्हऋषि बर्फानी दादा की पूजन आरती पश्चात निशुल्क वितरण किया गया।
इस बार भी छत्तीसगढ़ सहित पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल, उड़ीसा, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड सहित देश के अन्य हिस्सों से भी पीड़ित जन जड़ी-बुटीयुक्त प्रसाद ग्रहण करने संध्या से ही पहुंचे थे। इसके लिए संस्था ने व्यापक पैमाने पर तैयारी की थी। जिससे पीड़ितों को प्रसाद वितरण में कठिनाइयों का सामना करना नहीं पड़ा और आयोजन व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके। संध्या से ही हलवाइयों द्वारा खीर प्रसाद तैयार करना प्रारंभ कर दिया गया था।
जिसे मध्य रात्रि के पूर्व खुले आसमान के नीचे रखा गया और ब्रम्हमुहूर्त पर माता को प्रसाद अर्पित कर पीड़ितों को वितरित करने का क्रम प्रारंभ हुआ। जो सूर्योदय पश्चात तक चलता रहा। संस्था द्वारा 30 हजार से भी अधिक श्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को जड़ी-बूटी युक्त खीर प्रसाद का वितरण किया गया।हास्य व्यंग्य के प्रहसन ने श्रोताओं को लुभाया कर्मा, ददरिया, सुआ, पंथी के साथ ही हास्य व्यंग्य के प्रहसन प्रस्तुत करने वाली छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध लोककला संस्था स्वर धारा द्वारा यहां प्रस्तुति दी गई।
संचालक विष्णु कश्यप के निर्देशन में एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर रात भर दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते रहे। कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति के तहत छत्तीसगढ़ महतारी व राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत भारत माता के ऊपर शानदार प्रस्तुति से लोगों को अपने ओर आकर्षिक किया।