बस्तर दशहरा में मावली परघाव की रस्म शनिवार की देर रात पूरी हुई। इस विधान में दंतेवाड़ा से आई मावली माता की डोली और छत्र को लेने के लिए कुटरूबाड़ा में मंच बनाया था। जगह -जगह पर लोगों ने इस डोली और छत्र की आरती करते हुए स्वागत किया। इसके बाद कुटरूबाड़ा मे.इससे आगे आंगा देव और मशाल लेकर ग्रामीण चलते रहे। यह विधान देर रात करीब 11 बजे पूरा हुआ। इस विधान के पूरा होने के बाद भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में दंतेश्वरी मंदिर के सामने गाते व नाचते रहे।
