तहसीलदारों के तबादले पर हाईकोर्ट की रोक: कोर्ट बोला-सरकार कमेटी का करे गठन

राजेन्द्र देवांगन
4 Min Read

छत्तीसगढ़ के 18 तहसीलदारों के तबादले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि सभी तहसीलदार सरकार के पास आवेदन पेश करें। इसके लिए 45 दिन का समय दिया है। कोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया है कि तहसीलदारों के आवेदन पर विचार करने कमेटी का गठन करे।.हाईकोर्ट ने कहा कि कमेटी इस बात की समीक्षा करेगी की उनका ट्रांसफर नियम के अनुसार किया गया है या नहीं।

हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद अब सभी तहसीलदार अपने मूल स्थान पर पदस्थ रहेंगे। वहीं ट्रांसफर को लेकर कनिष्ठ प्रशासनिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमिण दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेने का आरोप लगाया था।तहसीलदार और कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ।क्या था तहसीलदार ट्रांसफर मामला ?दरअसल, सितंबर महीने में राजस्व विभाग के 169 अफसरों का तबादला किया गया था।

इसमें 55 तहसीलदार शामिल थे। तबादले पर कनिष्ठ प्रशासनिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमिण दुबे ने कहा था कि 2 साल में 6 बार ट्रांसफर हो चुका है। वहीं 4 महीने में ही उनका 4 बार तबादला किया जा चुका है। इसके बाद नीलमणि को सस्पेंड कर दिया गया था।महिला से 15 लाख मांगे गएइसके अलावा आरोप था कि एक महिला तहसीलदार का 9 महीने में 3 बार तबादला किया गया। जब उसने पारिवारिक कारणों से अपने जिले में ट्रांसफर के लिए आवेदन किया तो 15 लाख रुपए मांगे गए।

आदेश से एक तहसीलदार का नाम था गायबवहीं एक अन्य तहसीलदार ने कहा था कि, उन्हें बस्तर संभाग में 5 साल हो गए हैं। लगातार 3 साल से दुर्गम अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ हैं। उनका नाम ट्रांसफर सूची में था, लेकिन आदेश में उनका नाम गायब है।तहसीलदारों और अधिकारियों ने लगाई थी याचिकातबादले को लेकर 18 से अधिक तहसीलदारों और नायाब तहसीलदारों ने होईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

18 लोगों को कोर्ट से राहत मिली है। इसमें तहसीलदार नीलमणि दुबे, अभिषेक राठौर, पेखन टोंडरे, प्रेरणा सिंह , राजकुमार साहू , राकेश देवांगन और जयेंद्र सिंह ने याचिका लगाई थी।इसके साथ ही प्रियंका बंजारा , प्रियंका टोप्पो, गुरु दत्त पंचभाई , सरिता मढ़रिया, नायाब तहसीलदार विपिन बिहारी पटेल, दीपक चंद्राकर, कमलावाती, माया अंचल समेत 18 लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

मंत्री पर पैसे लेकर ट्रांसफर करने का आरोपसिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर ट्रांसफर करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा था कि ट्रांसफर में क्राइटेरिया का पालन नहीं किया गया। यह सब राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले से हो रहा है। उन्होंने कहा, ट्रांसफर ऑर्डर के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। वहीं भूपेश बघेल ने इस पर सीएम साय से जवाब मांगा था।ट्रांसफर को लेकर कोई नियम बताए मंत्री जीकनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि मंत्री महोदय कोई क्राइटेरिया बता दें कि 2 साल से ऊपर वाले का ट्रांसफर किया गया है या 3 साल के ऊपर वाले का किया गया है। ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर तो कोई नियम होगा, मंत्री जी उसे बताएं।

उन्होंने कहा था कि, अगर सरकार और शासन ही नियम-कानून नहीं मानेंगे तो यह बहुत बड़ी विडंबना है। ऐसे में प्रदेश में कैसे सुशासन आएगा? सुशासन केवल नीति और नियम बनाने से नहीं होता उसका पालन करने से सुशासन आता है।

Share This Article