बिलासपुर। बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन में अब पानी की बर्बादी नहीं होगी। इसे रोकने के लिए रेलवे के सुझाव पर आइआरसीसीटी से इस ट्रेन में अब एक की जगह आधा लीटर रेल नीर देने की व्यवस्था लागू की गई है। केवल इस ट्रेन के लिए आइआरसीटीसी के सिरगिट्टी स्थित प्लांट में इसका उत्पादन किया जा रहा है।
वंदे भारत ट्रेन कितनी खास है, यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। यात्रियों के सफर से लेकर उनकी सुविधाओं का खास ध्यान रखा जाता है। ट्रेन नाश्ता व भोजन दोनों का प्रविधान है। इसके लिए यात्रियों को टिकट बनाते समय जानकारी भरनी होती है।
यदि कोई नाश्ता या भोजना नहीं चाहता तो उन्हें नहीं दिया जाता है। लेकिन, दो ऐसी सुविधाएं हैं जो अनिवार्य हैं। इनमें एक अखबार और दूसरा पानी बॉटल है। यह सुविधा टिकट में ही जुड़ी रहती है। इसके पहले प्रत्येक यात्री को एक अखबार के साथ एक लीटर रेल नीर पानी बॉटल दी जाती थी।
देखा जा रहा था कि यात्री एक लीटर पानी का पूरा उपयोग नहीं कर पाते थे। यह व्यर्थ ही बह जाता थ। इस बर्बादी को रोकने के लिए अब आधा लीटर रेल नीर पानी देने का निर्णय लिया गया है। रेल नीर प्लाटं में इसका उत्पादन भी शुरू हो गया है।
1,440 बॉटल की खपत
आइआरसीटीसी के एरिया मैनेजर सुभाष चंद्रा का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों को प्यास बुझाने के लिए रेल नीर की छोटी बॉटल दी जा रही है। रेलवे के सुझाव के बाद पानी की बर्बादी रोकने यह निर्णय लिया गया है। नई व्यवस्था के तहत अप व डाउन मिलाकर 1,440 रेल नीर बॉटल की खपत हो रही है। इसकी कीमत 10 रुपये निर्धारित की गई है। पहले एक लीटर की कीमत 15 रुपये थी। ट्रेन में 528 सीटें हैं।
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