कैम्पा मद से वन विभाग द्वारा निर्मित दो मिट्टी के बांध ध्वस्त हो गए। इन बांधों का निर्माण हाथी सहित वन्य जीवों की प्यास बुझाने और भूमि संरक्षण के उद्देश्य से किया गया था। पहली घटना जिले के कुनकुरी ब्लाक के ग्राम बोड़ोकछार में स्थित ऋषि पहाड़ी नाला पर निर्मित मिट्टी के बांध का है। इस नाला पर वन विभाग ने कैम्पा मद 30 लाख की लागत से मिट्टी का
कैम्पा मद से वन विभाग द्वारा निर्मित दो मिट्टी के बांध ध्वस्त हो गए। इन बांधों का निर्माण हाथी सहित वन्य जीवों की प्यास बुझाने और भूमि संरक्षण के उद्देश्य से किया गया था। पहली घटना जिले के कुनकुरी ब्लाक के ग्राम बोड़ोकछार में स्थित ऋषि पहाड़ी नाला पर निर्मित मिट्टी के बांध का है। इस नाला पर वन विभाग ने कैम्पा मद 30 लाख की लागत से मिट्टी का बांध वन विभाग ने बनवाया था।
बांध का निर्माण बरसात शुरू होने से पहले ही पूरा हुआ था। लेकिन निर्माण की गुणवत्ता सही ना होने के कारण यह बांध पहली बारिश में बह गया। इस पूरे मामले में लीपापोती करते हुए वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने भरे बरसात में ही क्षतिग्रस्त बांध का मरम्मत कराकर सब कुछ ठीक करने का दावा कर रहें हैं।
वन विभाग का बांध बहने की दूसरी घटना जशपुर ब्लाक के ग्राम भलमंडा में जामझरिया नाला का है। इस नाला पर भी विभाग ने लगभग 2 साल पहले 60 लाख की लागत से मिट्टी के बांध का निर्माण कराया था। बरसात से पहले इस बांध की मरम्मत भी कराई गई थी। इसके बावजूद गुरूवार और शुक्रवार की बीती रात यह बांध बह गई।
इसलिए कराया जाता है बांध का निर्माण कैम्पा मद से मिट्टी के बांध का निर्माण के पीछे विभाग की मंशा वन्य जीवों के लिए जल प्रबंधन करना होता है। जामझरिया नाला के आसपास हाथियों की आवाजाही बनी रहती है। इसे देखते हुए विभाग ने बांध का निर्माण कराया था। इस तरह के बांध के आसपास पक्षियों के साथ अन्य वनजीव भी रहना पसंद करते हैं। इसके साथ भूमि संरक्षण करने में भी सहायता मिलती है।
वर्जन
जामझरिया नाला में निर्मित बांध बीते दिनों हुई अति वृष्टि के कारण हुई है। इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा।
विवेक भगत,रेंजर,जशपुर
Editor In Chief