सुप्रीम कोर्ट ने खनिज उत्पादक राज्यों को रॉयल्टी वसूलने की अनुमति दे दी है। इस निर्णय के बाद, छत्तीसगढ़ को निजी क्षेत्र की कंपनियों से हर साल लगभग 700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रॉयल्टी मिलने की संभावना है।
नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च न्यायालय ने खनिज उत्पादक राज्यों को रॉयल्टी वसूलने की छूट दे दी है। इस आदेश के बाद छत्तीसगढ़ को निजी सेक्टर की कंपनियों से हर वर्ष करीब 700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रॉयल्टी मिलेगी। न्यायालय ने कुछ शर्तों के साथ राज्यों को 2005 से रॉयल्टी देने की छूट दे दी है। इसमें खनिज उत्पादक राज्यों को रॉयल्टी वसूलने का अधिकार दिया गया है।
पिछले वर्षों में बढ़ी छत्तीसगढ़ की कमाई
राज्य ने इसके पहले 2022-23 में खनिजों से 12,941 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।इसके पहले यह आंकड़ा 2021-22 में 636 करोड़ रुपये रहा। इस वर्ष यह आंकड़ा और बढ़ कसता है क्योंकि इस वर्ष कुल 1050 मिलियन मीट्रिक टन चूना पत्थर और 179 मिलियन मीट्रिक टन लौह अयस्क का खनन किया गया।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य में सबसे ज्यादा 3,607 करोड़ रुपये लौह अयस्क से और उसके बाद 3,336 करोड़ रुपये कोयले से प्राप्त हुआ था। खनिज राजस्व के मामले में दंतेवाड़ा शीर्ष कमाई करने वाला जिला था। दंतेवाड़ा ने 6,419 करोड़ रुपये, इसके बाद कोरबा ने 2,361 करोड़ रुपये, रायगढ़ ने 1,717 करोड़ रुपये, बालोद ने 760 करोड़ रुपये, बलौदा बाजार ने 315 करोड़ रुपये, कांकेर ने 286 करोड़ रुपये और सरगुजा ने 262 करोड़ रुपये का योगदान दिया था।
राज्य में ये प्रमुख खनिज के स्रोत
प्रदेश में मुख्यत: कोयला, लौह अयस्क, लाइम स्टोन, बाक्साइट समेत अन्य गौड़ खनिज से सर्वाधिक राजस्व प्राप्त होता है।
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