मुंगेली में बंद का मामूली असर, दोपहर पर गुलजार होने लगा बाजार

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर। किसान बिल के विरोध मे बुलाये गए बंद का मुंगेली में भी मिलाजुला आंशिक । समर्थन को लेकर 1 दिन पहले चल रही जद्दोजहद में कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने व्यापारियों की खूब चिरौरी की और उसके बाद व्यापारी बेमन से ही सही बन्द को समर्थन देने के लिए राजी हुए। लेकिन चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी ने सुबह 12:00 बजे तक ही दुकानें बंद रखने की शर्त रखी थी। 12:00 बजे के बाद बाजार यथावत खोल दिए जाने की बात पर सभी व्यापारी सहमत हुए और इस बात का पालन भी किया गया। सुबह से मुंगेली का बाजार बंद नजर आया और 12:00 बजे के बाद एक-एक करके दुकानें खुलने लगी । मुंगेली सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में पुलिस बल बड़ी संख्या में देखा गया जो कि शहर के अलग-अलग चौक चौराहों पर तैनात रहे। शांति व्यवस्था और कानून का पालन कराने पुलिस अधिकारी लगातार गाड़ियों में गस्त करते दिखाई दिए। वहीं गोल बाजार में स्थित सब्जी बाजार में सब्जियों की बिक्री चलती रही। अति आवश्यक सेवाओ के तहत दवा डेरी प्रोडक्ट और फल वगैरह की दुकानें खुली रही।

मुंगेली नगर में भारतीय जनता पार्टी का गढ़ कहे जाने वाली जगह में बंद का प्रभाव सबसे ज्यादा तेज देखा गया । गोल बाजार चौक के आसपास के इलाके में भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी एवं नेताओ की बैठकें होती हैं और उन क्षेत्रों पर भारतीय जनता पार्टी के मतदाताओं और कार्यकर्ताओं की संख्या भी बहुत बड़ी है ।इसके बावजूद यहां बंद का सर्वाधिक असर दिखा।

किसान बिल के विरोध में किए गए इस बंद प्रदर्शन में व्यापारियों की सुने तो 1 दिन पहले ही बंद का ऐलान किया जा चुका था जिसके चलते अव्वल तो ग्रामीण क्षेत्रों से खरीदारी करने आने वाले लोगों ने शहर की तरफ रुख ही नहीं किया। इससे 12:00 बजे तक के बंद में समर्थन के बाद भी खुलने वाले दुकानों में ग्राहकी नही रही। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले खरीदार आज शहर की तरफ आए ही नहीं क्योंकि उन्हें पता था कि आज नगर बंद रहेगा
ठीक दूसरी तरफ दुकान किराए पर लेकर काम करने वाले और ज्यादा कर्मचारियों को रखने वाले लोगों को भी इस बंद का खासा प्रभाव पड़ा है ।रोज कमाकर रोज अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले मजदूर वर्ग पर इसका सीधा असर पड़ा है। उनका कहना है कि किसानों के हित और अहित को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार अपने प्रयास कर रही है या यदि किसान उनसे असंतुष्ट है तो यह लड़ाई उनके बीच की है। इसमें रोज अपनी रोजी कमाने वाले और अपना घर चलाने वालों को आखिर क्यों पीसा जा रहा है।

दबी जुबान में व्यापारियों ने यह बात भी कही कि सत्ता शासन कांग्रेस का है और कांग्रेस के साथ बिल के विरोध में केंद्र में प्रदर्शन कर रही है जो कि सत्ता शासन प्रदेश में कांग्रेस का है इसलिए व्यापारी दबी जुबां में यह कहते नजर आए कि अप्रत्यक्ष रूप से एक दबाव व्यापारियों के दिमाग में काम कर रहा है जिस कारण बेमन से ही सही व्यापारियों को इस बन्द का समर्थन करना पड़ा है हालांकि दोपहर होते-होते बाजार एक बार फिर से हर दिन की तरह गुलजार नजर आया और दोपहर के बाद बंद का कोई असर मुंगेली में भी नहीं दिखा। सत्ता पक्ष के कांग्रेसिओ ने भी सुबह बाजार का चक्कर लगाकर , खुले हुए दुकानों को बंद कराकर जैसे औपचारिकता पूरी कर ली।

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