बिलासपुर। कांग्रेस नेता टाकेश्वर पाटले एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। मस्तूरी क्षेत्र के कर्रा ग्राम पंचायत में सरकारी जमीन पर निर्माणाधीन सड़क के मामले में पाटले ने ग्रामीणों को धमकाया और गाली-गलौच की। ग्रामीणों का आरोप है कि पाटले और उनके साथियों ने पुराने मंदिर से जुड़े विवाद को लेकर गाँव की शांति भंग करने का प्रयास किया है।
मस्तूरी क्षेत्र के कर्रा ग्राम पंचायत में 6-लेन सड़क का निर्माण हो रहा है। इस निर्माणाधीन सड़क के बीच में एक प्राचीन मंदिर था, जिसे 21 जुलाई को ग्रामीणों और अधिकारियों की सहमति से शिफ्ट किया गया था। इस मौके पर गांव के लोग पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन में बड़ी संख्या में शामिल हुए थे।
इसी दौरान, कांग्रेस नेता टाकेश्वर पाटले अपने 5-6 साथियों के साथ वहां पहुंचे और गाली-गलौच करते हुए प्राचीन देवता धनवार बैंको को ले जाने से मना कर दिया। ग्रामीणों के विरोध करने पर पाटले ने बंशीधर वर्मा और रामचरण कौशिक को जान से मारने की धमकी दी। जब ग्रामवासियों ने एकजुट होकर उनका विरोध किया, तो पाटले वहां से चले गए और जाते-जाते सभी को उठा लेने की धमकी देते हुए चले गए।
28 जुलाई की सुबह जब गांव के लोग बैगा पूजा करने गए, तो पूजा स्थल से देवता का 3 नग त्रिशुल और 1 नग चिमटा गायब मिला। जांच करने पर पता चला कि किसी ने नए चबूतरे से त्रिशुल और चिमटा चोरी कर पुनः पुराने स्थल पर लगा दिया है। इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है। ग्रामीणों ने एसडीएम से शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि यह हरकत टाकेश्वर पाटले ने ही की है। उनका कहना है कि टाकेश्वर पाटले और उनके साथी गाँव की शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं और आए दिन गुंडागर्दी करते हैं।
आसपास के गांवों के लोग भी इनसे परेशान हैं। पूर्व में दर्रीघाट में टाकेश्वर पाटले ने ग्रामीणों की जमीन पर जबरिया कब्ज़ा किया था भी ग्राम पंचायत कर्रा के पंच और सरपंच प्रतिनिधि बंशीधर वर्मा और अन्य ग्रामीणों ने एसडीएम से टाकेश्वर पाटले और उनके साथियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई करे, ताकि गांव में फिर से शांति स्थापित हो सके।