बिलासपुर। जिला कांग्रेस कमेटी (शहर/ग्रामीण) द्वारा 23 जुलाई को कांग्रेस भवन में पूर्व मंत्री स्व. बिसाहूदास महंत की पुण्यतिथि, स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उनके छायाचित्रों पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडेय ने की। उन्होंने कहा कि आज का दिन उन तीन महान सपूतों को याद करने का है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि स्व. बिसाहूदास महंत छत्तीसगढ़ के महान सपूत थे, जिन्होंने कभी पद की लालसा नहीं की और एक शिक्षक के रूप में अपने जीवन की शुरुआत कर राजनीति के उच्चतम शिखर तक पहुंचे। महंत जी ने लगातार नवागढ़ और चाम्पा विधानसभा से निर्वाचित होकर अपनी जगह सुनिश्चित की और 1977 में मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद अर्जुन सिंह को देकर उनके राजनीतिक जीवन को ऊंचाई दी।
संयोजक ज़फर अली और हरीश तिवारी ने बाल गंगाधर तिलक के योगदान को याद करते हुए कहा कि तिलक जी ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए गुप्त मीटिंगों के आयोजन हेतु गणेश पूजा की शुरुआत की। उन्होंने नारा दिया, “स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और इसे लेकर रहेंगे।” तिलक जी एक पत्रकार, लेखक और गणितज्ञ थे, जिन्होंने मंडेला जेल में ‘गीता रहस्य’ पुस्तक लिखी।
चन्द्रशेखर आज़ाद के बारे में बताते हुए संयोजकों ने कहा कि वे उन युवाओं में से थे, जो महात्मा गांधी से प्रभावित थे, परन्तु स्वतंत्रता के लिए क्रांतिकारी मार्ग का चयन किया। उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल और भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर अंग्रेज सरकार को चुनौती दी। आज़ाद ने इलाहाबाद के अल्फ्रेड बगीचे में अंग्रेज पुलिस से घिरने के बाद अपनी ही पिस्तौल से गोली मारकर शहादत प्राप्त की।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, संयोजक ज़फर अली, हरीश तिवारी, विनोद साहू, माधव ओत्तालवार, सत्येंद्र तिवारी, जिग्नेश जैन, सीमा घृतेश, स्वर्णा शुक्ला, अंजलि यादव, सुदेश नंदिनी, अन्नपूर्णा ध्रुव, अफ़रोज़ बेगम, वीरेंद्र सारथी, चन्द्र प्रदीप बाजपेयी, गणेश रजक, गौरव एरी, सुभाष ठाकुर, गोवेर्धन श्रीवास्तव और उमेश वर्मा सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।