हाथरस भगदड़ मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार…!

राजेन्द्र देवांगन
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हाथरस भगदड़ मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार…!
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर 12 जुलाई को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। इस हादसे में 121 लोगों की जान चली गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने ही यह याचिका दाखिल की है। इसमें मांग की गई है कि 5 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में जांच करवाई जाए। इस हादसे पर उत्तर प्रदेश सरकार से स्टेटस रिपोर्ट करने की मांग भी की गई है। इतना ही नहीं इसमें मांग की गई है कि हादसे के लिए जो भी जिम्मेदार लोग और अधिकार हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही ऐसे कार्यक्रम के लिए एक गाइडलाइन तय करने के लिए भी कहा गया है।

हाथरस हादसे में एसडीएम-सीओ समेत 6 अधिकारी सस्‍पेंड
भोले बाबा के धार्मिक आयोजन में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की वजह ज्यादा भीड़ और आयोजकों-स्थानीय प्रशासन की कमी बताई गई है। एसआईटी ने अपनी करीब 300 पन्नों की रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट को सोमवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया गया। इसके तुरंत बाद यूपी सरकार ने इस त्रासदी पर एक्शन लेते हुए एसडीएम, सर्कल ऑफिसर और इंस्पेक्टर समेत 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया।

एडीजीपी अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ डिविजनल कमिश्नर चैत्रा वी की तैयार की गई रिपोर्ट में ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 128 गवाहों और बचे हुए लोगों के बयान लिए गए हैं। इसमें सूरज पाल की भूमिका पर कोई भी सवाल खड़ा नहीं किया गया है। हालांकि, एसआईटी ने साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया और त्रासदी की गहन जांच की सिफारिश की।

कैसे हुआ ये हादसा
2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा यानी नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मच गई थी। इसमें 121 लोगों की जान चली गई थी। हादसे में अपनी जान गवाने वालों में सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल थी। इसमें करीब 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब सभी भक्त बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए एक ही जगह पर इकट्ठा हुए थे। इसी दौरान अचानक से भगदड़ मच गई और लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते चले गए। मामले में दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, 80,000 लोगों के लिए इजाजत दी गई थी और सत्संग में करीब 2,50,000 से ज्यादा लोग पहुंच गए। अब तक इस मामले में आयोजक समिति के कई सदस्यों को अरेस्ट कर लिया गया है। इसमें मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर का नाम भी शामिल है।

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