दिग्विजय सिंह समेत इन दिग्गजों को मैदान में उतारेगी कांग्रेस, कौन देगा सिंधिया चुनौती..!
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस खेमे से बड़ी खबर निकलकर आ रही है. कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने कई दिनों के मंथन के बाद मध्य प्रदेश की 12 से 15 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं. इसमें सबसे बड़ी खबर ये है कि कांग्रेस इस बार चुनावों में दिग्गजों को टिकट देने जा रही है, इसमें दिग्विजय सिंह, अरुण यादव और कांतिलाल भूरिया जैसे कद्दावर नेता शामिल हैं. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि गुना-शिवपुरी से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कांग्रेस अरुण यादव को मैदान में उतारने जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय चुनाव समिति ने मध्य प्रदेश की जिन 12 से 15 सीटों को फाइनल किया है, उसमें दिग्विजय सिंह को राजगढ़ से मैदान में उतारने जा रही है. गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव और आदिवासी क्षेत्र झाबुआ से कांतिलाल भूरिया का टिकट फाइनल किया गया है.
CEC ने तय किए 12 से 15 सीटों पर नाम
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने मध्य प्रदेश की 12 से 15 सीटाें पर नाम तय कर दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी चुनाव नहीं लड़ेंगे. पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन चुनाव नहीं लड़ेंगी. राजगढ़ को दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता है और वह इस बात को गाहे-बगाहे कहते भी रहे हैं. दिग्विजय सिंह वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं और पिछला चुनाव भोपाल से बीजेपी की प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ हार गए थे.
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा जा रहा है.
बीजेपी के प्रत्याशियों ने शुरू किया नामांकन
मध्य प्रदेश में एक तरफ जहां बीजेपी प्रत्याशी अपना नामांकन फॉर्म जमा करने में जुट गए हैं. वहीं कांग्रेस अभी तक अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं कर पाई है. मध्यप्रदेश में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होना है, इस पहले चरण में सीधी, शहडोल, मंडला, जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा सीट पर मतदान कराया जाएगा. अभी तक कांग्रेस की तरफ से केवल 10 सीटों पर ही प्रत्याशियों के नामों का एलान किया गया है. बाकी बची 18 सीटों पर सीईसी की बैठक में मंथन चल रहा है.
माना जा रहा था कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं, इसलिए उम्मीदवारों की लिस्ट आने में देरी हो रही है.
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