छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र में सीएसआर मद पर भावना बोहरा – भूपेश बघेल और अनुज शर्मा ने उठाए सवाल, मंत्री ने कहा- हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर..!

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र में सीएसआर मद पर भावना बोहरा – भूपेश बघेल और अनुज शर्मा ने उठाए सवाल, मंत्री ने कहा- हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर..!
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र शुरू होने के बाद सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रतता संग्राम सेनानी खूबचंद बघेल को सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी. इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ. पहला सवाल विधायक कविता प्राण लहरे को पूछना था लेकिन वो सदन में अनुपस्थित थी. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक ललित चंद्राकर का नाम लिया वो भी अनुपस्थित रहे. इसके बाद सावित्री मंडावी को सवाल पूछना था लेकिन वो भी नहीं पहुंची. इसके बाद गुरु खुशवंत साहेब ने आरंग में उद्योग स्थापित करने, भूमि आवंटन को लेकर उद्योग मंत्री से सवाल पूछा.
खुशवंत साहेब ने पूछ कि आरंग विधानसभा क्षेत्र में उद्योग की स्थापना पर सवाल पूछा. “जमीन आवंटन के बाद कितने समय सीमा में उद्योग स्थापित किया जाना होता है.”
इस सवाल पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने जवाब दिया.- “जमीन जो दी जाती है उसकी समय सीमा सूक्ष्म उद्योग के लिए 2 साल, 5 करोड़ के लघु उद्योग के लिए 3 साल, मध्यम उद्योग के लिए 4 साल और बृहद उद्योग 10 करोड़ से 100 करोड़ तक 5 साल, मेगा उद्योग के 6 साल 100 करोड़ से 1000 करोड़, अलट्रा मेगा उद्योग के लिए 7 साल की अवधि जमीन की रहती है. इस अवधि में काम शुरू नहीं करने पर जमीन वापसी की प्रक्रिया शुरू की जाती है.”

अगला सवाल राघवेंद्र कुमार सिंह ने पूछा. उन्होंने पूछा कि “कांग्रेस शासन काल में 31 दिसंबर 2018 से 31 दिसंबर 2023 तक पंजीकृत संस्थानों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई. निर्माण श्रमिकों की संख्या में 7 लाख 2 हजार 882 की वृद्धि होकर 23 लाख 96 हजार 169 हो गई. पंजीकृत संस्थानों में से कितनी संख्या में उपकर लिए गए हैं. जिन पर नहीं लिए गए उन पर क्या कार्रवाई की गई. “
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया ” विभाग लगातार काम करता है. इसकी वजह से संख्या बढ़ी है. इस पर कार्रवाई भी होती है. जिन पर नहीं हुई है उन पर जल्द कार्रवाई होगी. “
पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने सवाल पूछा- “सीएसआर मद के अंतर्गत जो काम किए जाते हैं उसका क्राइटेरिया क्या होता है ? उद्योग मंत्री ने बताया-” सीएसआर मद पहले राज्य शासन में आता था जिस पर संशोधन कर भारत सरकार ने बंद कर दिया है. कंपनी के द्वारा वहां के निवासियों की मांग के अनुसार काम होता है. ये राज्य शासन के पास ना ही फंड आता है ना ही हमारे अधिकार क्षेत्र में हैं. “
विधायक अनुज शर्मा ने सीएसआर मद से जुड़ा सवाल मंत्री से पूछा- ” धरसीवां में सबसे ज्यादा परेशानी है. सीएसआर मद का पैसा औद्योगिक घराने खर्च नहीं करते हैं उसे दूसरी जगह लगाया जाता है. ऐसे में उस पर क्या कार्रवाई का प्रावधान है. – लखनलाल देवांगन ने कहा- सीएसआर मद का पैसा खर्च करने का राज्य सरकार को अधिकार ही नहीं दिया गया है तो शासन इस पर कैसे कार्रवाई कर सकता है. “

पूर्व मंत्री भूपेश बघेल ने कहा साल -“2021 में सीएसआर मद पर शासन का अधिकार बंद कर दिया गया. क्या भारत सरकार से यह आग्रह करेंगे क्या जैसे सीएसआर मद पहले संचालित होता था वैसा फिर से शुरू करने भारत सरकार को पत्र लिखेंगे क्या.?” उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने केंद्र सरकार को इस मामले में पत्र लिखने का आश्वासन दिया.

भावना बोहरा ने आगे सवाल पूछा- “क्षेत्र में स्थापित किसी कंपनी पर ना राज्य शासन का अधिकार है, ना स्थानीय प्रतिनिधि का है ना ही कलेक्टर का है तो किसका अधिकार है. हम डायरेक्ट भारत सरकार के पास नहीं जा सकते हैं.” मंत्री ने फिर कहा कि सीएसएस मद पर भारत सरकार का अधिकार है. इसके लिए सरकार को पत्र लिखकर अधिकार मांगा जाएगा.

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