बिलासपुर. कटघोरा उप जेल में कोरोना का विस्फोट होने के बाद सेंट्रल जेल से पैरोल पर छुटे सजायाफ्ता कैदियों और उनके परिजनों के मन मे डर समा गया है। देश के अलग अलग राज्यों की सरकार ने कोरोना के मद्देनजर कैदियों की पैरोल की अवधि को बढ़ा दिया है मगर राज्य में इस ओर कोई निर्णय नही लेने और अगले महीने कैदियों को जेल में बुलाए जाने से अब मामला तूल पकड़ रहा है। इधर सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक कैदियों की तादात को जहन में रखते हुए उनके परिजन राज्य सरकार और जिला प्रशासन से कोरोना की जकड़ से बचने अपनो के लिए पैरोल की अवधि बढ़ाने की गुहार लगा रहे है ।
पैरोल बढ़ाने की मांग को लेकर रविवार को सजायाफ्ता कैदियों के परिजनो ने मीडिया से मुखातिब हुए परिजनों ने बिलासपुर प्रेसक्लब में प्रेसवार्ता की और कैदियों की पैरोल अवधि बढ़ाने की बात रखी
देश के कुछ राज्यों में सरकार ने कोरोना के मद्देनजर पैरोल पर बाहर आए कैदियों को और छूट दे दी है। उड़ीसा,मध्यप्रदेश, पंजाब-हरियाणा समेत और भी राज्य में सजायाफ्ता कैदियों के पैरोल की तिथि में इजाफा कर दिया है वही छतीसगढ़ राज्य में इस ओर कोई कदम उठता न देख पैरोल की आजादी मिलने के बाद सजायाफ्ता कैदियों और उनके परिजनों के बीच भूपेश सरकार और जिला प्रशासन की अनदेखी की आग सुलग है। कैदियों के परिजनों का कहना है कि जेल एक सुधार घर है जहां कैदी अपने गुनाहों की सजा काटता है न कि महामारी के इस दौर में जेल के भीतर मरने को जाएगा। सेंट्रल जेल में वैसे भी क्षमता से अधिक कैदी है। कटघोरा उप जेल में एक साथ करीब 98 कैदियों के कोरोना की जद में आने के बाद सेंट्रल जेल के कैदी और उनके परिजनों को चिंता सताने लगी है। हालांकि पैरोल की अवधि बढ़ाने को लेकर सजायाफ्ता कैदियों के एक पक्ष ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है मगर उस मुद्दे में अब तक सुनवाई नहीं होने से मामला अधर में लटका हुआ है। प्रदेश की हाईपावर कमेटी के प्रस्ताव पर पिछले कुछ दिनों से कैदियों को पैरोल में छूट दिया गया था। इधर महामारी के बढ़ने से जान का खतरा भाप सजायाफ्ता कैदी जेल की चार दिवारियो में फिर से कैद होने के मूड में नही है।
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