CG विधानसभा बजट सत्र के आठवें दिन उठा अवैध प्लॉटिंग का मुद्दा, मंत्री टंकराम वर्मा ने दिया ये जवाब..!
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के आठवें दिन प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू ने सवाल पूछा. उन्होंने डोंगरागांव नगर पंचायत में दलित गरीब महिला को राजीव आवास योजना के तहत पट्टा देने और फिर वापस लेने पर सवाल पूछा. इस पर मंत्री टंकराम ने जवाब देते हुए कहा कि नगरीय क्षेत्र में पट्टा देने का प्रावधान है. जिसे वन भूमि बताकर निरस्त दिया गया. ये मामला अपर कलेक्टर के कोर्ट के पास विचाराधीन है. इस पर जब तक फैसला नहीं होता तब तक कार्रवाई नहीं की जा सकती. हालांकि मंत्री ने 6 महीने के अंदर मामले में कार्रवाई की बात कही.
भानुप्रतापपुर में चारवाहा जमीन का मुद्दा उठा: इसके बाद भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी ने सवाल पूछा. उन्होंने पूछा कि भानुप्रतापपुर के वार्ड 1, 3 और 15 में 500 गरीब परिवार पिछले 40 साल से रह रहे हैं. वहां की जमीन चारागाह जमीन में रिकॉर्ड होने के कारण उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने जांच का आश्वासन दिया.
कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू ने एक बार फिर डोंगरगांव विधानसभा में कितने अतिक्रमणधारी है और कितने शासकीय और प्रॉफिट वाले हैं. कई जमीनों पर 20 से 25 एकड़ जमीन पर कोई रिसॉर्ट बना रहा है तो कोई होटल बना रहा है.
धरसीवां में अवैध प्लॉटिंग का मुद्दा: विधायक अनुज शर्मा ने विधानसभा में धरसीवां में कृषि भूमि को बिना डायवर्शेन के कॉलोनी बनाया जा रहा है. कृषि भूमि को आवासीय भूमि में परिवर्तन करने और अवैध प्लॉटिंग की शिकायत मिलने पर विभाग क्या तुरंत काम को रोकने की कार्रवाई करता है. मंत्री वर्मा ने जवाब दिया कि धरसीवां में अवैध प्लॉटिंग की शिकायत आई है. रायपुर अनुभाग से 14 और तिल्दा से 5 शिकायत मिली है. ग्राम पंचायत स्तर पर एसडीएम कलेक्टर और आयुक्त कार्रवाई करते हैं. अवैध प्लॉटिंग की शिकायत पर जरूरी कार्रवाई की जा रही है.
अनुज शर्मा ने फिर सवाल किया कि “तुरंत रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है. क्या कृषि भूमि को आवसीय बताकर बेचने पर कोई शिकायत मिली है. इस पर जवाब दिया गया कि धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में आवासीय बताकर कोई जमीन बेचने की शिकायत नहीं मिली.”
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं करने का आरोप: शर्मा ने सदन में शिकायत पत्र दिखाते हुए कहा कि 6 जुलाई 2002 को शिकायत पत्र लिखा गया है. जिसमें लिखा है कि धरसीवां में खसरा नंबर 12/2,-15, 13/2, 14/3 में अवैध प्लाटिंग हो रही है. साथ नाली की जमीन पर भी समतली कर कच्ची सड़क बना दी गई है. ग्रीन लेंड को आवासीय प्लॉट के रूप में बेचा जा रहा है. मंत्री जी से जवाब की मांग है. इस पर मंत्री जी क्या कार्रवाई करेंगे.
मंत्री ने कही जांच की बात: मंत्री ने जवाब दिया कि धरसीवां में कृषि भूमि को आवासीय बनाने की बहुत सी शिकायत मिली है. यदि ऐसा है शिकायत मिली है तो इसकी जांच कराएंगे जो अधिकारी दोषी है उस पर कार्रवाई होगी.
शर्मा ने आगे फिर सवाल पूछा कि ऐसी जगहों पर रेरा और टीएनसी के बोर्ड लगाने के निर्देश है. क्या विभाग इसका पालन करता है. ऐसा नहीं हो रहा है तो क्या इस पर कार्रवाई करेंगे. मंत्री ने जवाब दिया- जहां अवैध प्लॉटिंग हो रही है वहां बोर्ड लगाने का निर्दश दिया गया है, पिछली सरकार ने 5 डिसीमल से कम जमीन का रजिस्ट्रेशन शुरू किया जिसके बाद अवैध प्लाटिंग की शिकायत बढ़ी.
मंत्री वर्मा ने कहा ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुआ है… लेकिन आपने शिकायत की बात संज्ञान में लाया है जांच कर जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जाएगी…
सीएम निवास में उद्यानिकी कार्य नहीं करने पर सवाल: विधायक मोतीलाल साहू ने सवाल पूछा कि मुख्यमंत्री निवास नवीन भवन में उद्यानिकी काम के लिए आकस्मिक निधी से 80 लाख रुपये स्वीकृत किए गए. इसके लिए तीन टेंडर निकाले गए. तीनों काम में जो स्वीकृत होना था वो ना होकर कार्य का नाम एक था, कार्यस्थल एक था और स्वीकृत राशि आकस्मित निधी से एक थी और जो काम हुए वो बिल्कुल अलग है. मोती लाल साहू के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आपने मुख्यमंत्री आवास की चिंता की इसके लिए सीएम आपको धन्यवाद देंगे.
लोक निर्माण विभाग के मंत्री अरुण साव ने जवाब देते हुए कहा- कि 10 अप्रैल 2018 को 591.75 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी लेकिन उस समय पीएफआईसीई की बैठक के अनुसार उद्यानिकी कार्य शामिल नहीं थे. लेकिन लोक निर्माण विभाग के अनुसार अधीक्षण अभियंता को यह अधिकार है कि 1 प्रतिशत राशि स्वीकृत कर 6 जुलाई 2022 को 80लाख 68 हजार की राशि स्वीकृत की. वहां ऑनगोइंग काम था इसलिए तीन अलग अलग टेंडर निकाले गए. काम में कोई अनियमिततता नहीं हुई.