जेपी नड्डा, अश्विनी वैष्णव से लेकर अशोक चव्हाण तक, देखें राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने किस-किस को बनाया प्रत्याश..!
दिल्ली : बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए बुधवार को अपने कुछ और प्रत्याशियों की घोषणा की। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन को क्रमश: ओडिशा और मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को गुजरात से उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, एक दिन पहले ही महाराष्ट्री में पार्टी का दामन थामने वाले अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाया गया है। गुजरात से प्रत्याशी बनाए जाने वालों में मयंक भाई नायक, डॉ. जशवंत सिंह और गोविंद भाई ढोलकिया भी शामिल हैं। महाराष्ट्र से अजीत गोपछड़े, मेधा कुलकर्णी को भी उम्मीदवार बनाया गया
पार्टी ने 15 राज्यों की 56 सीटों पर होने वाले राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के मद्देनजर बुधवार को पांच उम्मीदवारों की सूची जारी की। मध्य प्रदेश से भाजपा ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री मुरुगन के अलावा उमेश नाथ महाराज, माया नारोलिया और बंसीलाल गुर्जर को उम्मीदवार बनाया है। वैष्णव और मुरुगन अगर चुनाव जीत जाते हैं तो राज्यसभा में यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा। दोनों के चुनाव जीतने की प्रबल संभावना है।
क्रम संख्याराज्यप्रत्याशी1.गुजरातजेपी नड्डा2गुजरातगोविंद भाई ढोलकिया3गुजरातमयंक भाई नायक4गुजरातडॉ. जशवंतसिंह सलाम सिंह परमार5महाराष्ट्रअशोक चव्हाण6महाराष्ट्रमेधा कुलकर्णी7महाराष्ट्रअजीत गोपछड़े8मध्य प्रदेशडॉ. एल मुरुगन9मध्य प्रदेशउमेश नाथ महाराज10मध्य प्रदेशमाया नरोलिया11मध्य प्रदेशबंसीलाल गुर्जर12ओडिशाअश्विनी वैष्णव
धर्मेंद्र प्रधान को नहीं बनाया प्रत्याशी
ओडीशा के सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने वैष्णव को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। वर्ष 2019 में भी बीजद ने पूर्व आईएएस अधिकारी वैष्णव का समर्थन किया था। मध्य प्रदेश में भाजपा के पास चार सीटें जीतने का दम है, जबकि कांग्रेस एक सीट जीत सकती है। भाजपा शासित इस राज्य से पांच सीट रिक्त हो रही हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित तीन अन्य निवर्तमान भाजपा सांसदों में से किसी को भी पार्टी द्वारा फिर से नामित नहीं किया गया है। हालांकि, पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में शिक्षा मंत्री को उनके गृह राज्य ओडिशा से मैदान में उतार सकती है। माया नारलिया पार्टी की महिला मोर्चा की मध्य प्रदेश इकाई की अध्यक्ष हैं, उमेश नाथ महाराज धार्मिक व आध्यात्मिक नेता हैं जबकि बंशीलाल गुर्जर किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। मुरुगन मूल रूप से तमिलनाडु से ताल्लकु रखते हैं। वहां से राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा के पास तमिलनाडु विधानसभा में पर्याप्त संख्या बल नहीं है।
कुछ केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव में उतारेगी बीजेपी
पार्टी सूत्रों ने कहा है कि प्रधान के अलावा दो अन्य केंद्रीय मंत्रियों, भूपेंद्र यादव और राजीव चंद्रशेखर को भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना सकती है। दोनों को राज्यसभा के मौजूदा दौर के लिए फिर से नामित नहीं किया गया है। प्रधान और यादव दोनों ही राज्यसभा का दो कार्यकाल पूरा कर रहे हैं जबकि चंद्रशेखर का यह तीसरा कार्यकाल है। ऐसी चर्चा थी कि वैष्णव भी अपने गृह राज्य राजस्थान से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि उन्हें राज्यसभा भेजने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि उन्होंने उच्च सदन में केवल एक कार्यकाल पूरा किया है और ओडिशा कैडर के पूर्व अधिकारी के राज्य की बीजद सरकार के साथ अच्छे संबंध हैं।
ओडिशा में वैष्णव की जीत तय
ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजद अध्यक्ष ने चुनाव में वैष्णव को अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा की, जिससे उनकी जीत पहले से ही तय हो गई। मृदुभाषी नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सहित कुछ प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व में सुझाव दिया था कि राज्यसभा सांसदों को कम से कम एक प्रत्यक्ष चुनाव लड़ने का अनुभव मिलना चाहिए। पार्टी में एक राय उभर कर सामने आई है कि अधिक से अधिक केंद्रीय मंत्रियों को लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए, खासकर उन्हें जो राज्यसभा में कम से कम दो कार्यकाल पूरे कर चुके हो
केंद्रीय मंत्रियों में से कुछ खासतौर से उन राज्यों से आते हैं जहां भाजपा चुनावी दृष्टि से मजबूत नहीं है। सूत्रों का कहना है कि स्थानीय राजनीतिक समीकरणों के कारण पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव में नहीं उतारेगी। राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी है। पार्टी ने अभी गुजरात और महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों से अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और पुरुषोत्तम रूपाला (गुजरात) तथा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (महाराष्ट्र) का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है।
अनिल पिछले एक दशक से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। दैनिक जागरण चंडीगढ़ से 2009 में रिपोर्टिंग से शुरू हुआ सफर, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, अमर उजाला, जनसत्ता.कॉम होते हुए नवभारतटाइम्स.कॉम तक पहुंच चुका है। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं लेकिन पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। स्पोर्ट्स और एजुकेशन रिपोर्टिंग के साथ ही सेंट्रल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है। राजनीति, खेल के साथ ही विदेश की खबरों में खास रुचि है।
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