CG”आदिम जाति कल्याण विभाग कर्मचारी संघ काएक जून से दो जून रोटी के लिए संघर्ष …!
” *एक जून से दो जून रोटी के लिए संघर्ष “*
आदिम जाति कल्याण विभाग कर्मचारी संघ 30183 का प्रदेश भर के स्वीकृत पदों के विरुद्ध कार्यरत 8672कर्मचारी एक जून से दो जून रोटी के लिए सम्मान जनक अधिकार लेने मुख्यमंत्री को उनके वादा याद दिलाने समस्त जिलों के कर्मचारी 1जून दोपहर ठीक 1.00 बजे रैली के शक्ल में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौप कर चरण बद्ध आंदोलन का आगाज किया जाएगा l
विभाग में बहोत से समस्याएं व्याप्त हैं जिसमें से प्रमुख तिन मांगों को लेकर आंदोलन की रणनीति आनलाइन बैठक के माध्यम से प्रदेशस्तर के समस्त कर्मचारियों ने निर्णय लिया गया हैl जिसमें से
प्रमुख लंबित मांगे इस प्रकार से है
1-स्वीकृत पदों के विरुद्ध कार्यरत समस्त कर्मचारी जैसे-कलेक्टर द्वारा आदेशित कर्मचारी,सहायक आयुक्त द्वारा आदेशित, अनुमती ,ज्ञापन, पंचायत प्रस्ताव, मेस संचालन हेतु अनुभव प्राप्त मौखिक ,दैनिक सभी कर्मचारियों जैसे रसोइया,जलवाहक, चौकीदार,पुर्ण कालिक सफाई,पुर्ण कालिक स्वेच्छा कर्मचारी सीधी भर्ती आदि को अकास्मिक निधि मे समायोजन कर वेतन निर्धारण करने एवं सीधी भर्तियां रद्द करने बबात
2-विभाग में कार्यरत नियमित कर्मचारियों के लिए नवीनपद सहायक अधीक्षक सृजित करें या फिर अधिक्षक श्रेणी “द”पर भर्तियां पर 25%आरक्षण का प्रावधान कर पदोन्नति प्रदान करने तक नवीन भर्तियां पर ना करने एवं
3-विभाग में कार्यरत समस्त कर्मचारी के लिए अन्य विभागों की तरह शासकीय अवकाश दिये जाने या फिर तेरह माह का वेतन भुगतान करने जैसे विभिन्न मुद्दों पर अपने अधिकार के लिए संघर्ष का आगाज किया गया है!
ज्ञात हो कि वर्षों से स्वीकृत पद के विरुद्ध कार्यरत समस्त चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को अकास्मिक निधि में समायोजन कर वेतन निर्धारण कराने एवं पदोन्नति के लिए नवीन पद सहायक अधीक्षक पद पर कार्य और प्रकृति एवं अनुभव को आधार मानकर सहायक अधीक्षक पद सृजित करने या फिर अधीक्षक श्रेणी “द” के पद पर 25% पदोन्नति का प्रावधान करने के बाद ही भर्तियां निकाले , प्रावधान नहीं होने कि स्थिति पर हर स्तर से विरोध प्रदर्शन करने का मन बना चुके हैं
अन्य समस्त विभागों की तरह आश्रम/छात्रावास में कार्यरत कर्मचारियों को भी शासकीय अवकाश प्रदान किये जाय,
शासन द्वारा कोई भी छुट्टी का प्रावधान नहीं होना बताया जाता है सहपाठी कर्मचारियों के आपसी सहमति के आधार पर ही अवकाश लेते हैं उसके बाद भी उनके ऊपर 24घंटे का ड्यूटी कार्य है करके प्रताड़ित किया जाता,
स्कूल शिक्षा विभाग और हमारे विभाग एक दूसरे के पुरक है, स्कूल के कर्मचारियों का अवकाश तो मिल जाता है लेकिन छात्रावास के कर्मचारियों को नहीं है आज तक हम भी चुप चाप कार्य करते रहे अत्यधिक दबाव होने तथा किसी प्रकार से अन्य कोई सुविधाएं ना मिल पाने के कारण मानसिक आर्थिक शारीरिक रूप से कुंठित तथा आक्रोशित हैं,
शासन द्वारा छात्रावास/आश्रम के छात्रों लिए अध्ययन कार्य हेतु 10 महिने का स्वीकृत आदेश जारी होता है लेकिन छात्र वर्ष भर रहते, ऐसे में कर्मचारी साल भर 24घंटे का मनगढ़ंत इमोशनल ब्लेक मेल कर उनसे कार्य लिया जाता है,
शायद किसी भी विभाग अपने छोटे कर्मचारियों के लिए ऐसा नियम व्यस्था ना होगा,
समस्त शासकीय नियमों का सहायक कार्यलय स्तर से खुलकर उल्लंघन किया जाता रहा एवं ग्रीष्मकालीन सहपाठी कर्मचारी अगर दैनिक हो तो उनको कार्य से बैठा दिया जाता है शासन इसे किस स्तर से सही मानते हैं,क्या मानवीय दृष्टिकोण से सही है शासन से पुछना चाहते हैं, इन्हीं सभी मुद्दों के लिए चरण बद्ध आंदोलन कर अपने सम्मान जनक अधिकार को लेने मैदान में पुर्ण तैयारी के साथ उतरने तैयार है
हमें विश्वास हैऔर मांग करते हैं कि हमारे संवेदनशील मुख्यमंत्री समयावधि के पहले संज्ञान लेकर हमारे मांगों पर गंभीरता से विचार करते शीध्र निराकरण कराने की अनुरोध करते हैं, जिसके लिए सदैव आपका आभारी रहेगा
आनलाइन बैठक में संघ के प्रांताध्यक्ष हरीराम सेन,प्रांतिय सचिव विजय कुमार पाल, महामंत्री प्रभुनाथ पाणीग्राही, उपप्रांता,दिलीपखुटे, चन्द्र शेखर,अनुशासन समिति अध्यक्ष गीता देवांगन,एवं सदस्य,पायल,अनुपमा,दीपमाला, महिलाविग श्रीमती दीप्ति तिवारी, संभागाध्यक्ष,दलवीर रजवाडे, डाक्टर सिन्हा,निर्मल चौहान,विकासदेशमुख,अशोक गवेल,संरक्षक मोहन चौहान, रामनाथ कौशिक जिलाध्यक्ष-रामधन, गुड्डू पन्डो,भोरेचंचल, रामस्वरूप, सीताराम सुरजपुर,जगजीवन, सीताराम जांजगीर,जमुना बाई साहू,रमेश साहू,कनक चक्रधारी, चन्द्र हास, कांतिलाल,दिनेश बंजारे, चन्द्रू कुर्रे,प्रमोद सिन्हा,मोरे ठाकुर सुबांधु बैल,आदि पदा.उप.रहे !
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