Sukma News : नक्सली हिड़मा और रमन्ना के गढ़ में कवासी लखमा, गोल्लापल्ली में करोड़ों की दी सौगात…!
सुकमा के धुर नक्सल क्षेत्र गोल्लापल्ली में 19 साल बाद मंत्री कवासी लखमा का दौरा हुआ. ये इलाका नक्सली कमांडर रमन्ना और हिड़मा की मौजूदगी के कारण कई सालों तक अलग-थलग रहा.लेकिन पुलिस कैंप और सड़क निर्माण की वजह से अब विकास कार्यों में तेजी आ रही है.
सुकमा : छत्तीसगढ़ के उद्योग और आबकारी मंत्री कवासी लखमा इन दिनों सुकमा प्रवास पर हैं. सुकमा प्रवास के दौरान आबकारी मंत्री 19 साल के बाद घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र गोल्लापल्ली पहुंचे. उनके साथ ही पूरा प्रशासनिक अमला भी था. मंत्री कवासी लखमा ने गोल्लापल्ली में 10 करोड़ 50 लाख की लागत से बनने वाले विकास कार्यों का भूमि पूजन किया . इस दौरान लखमा ने 25 लाख रुपए की लागत से आदिवासी भवन बनाने की घोषणा भी की है. इसके अलावा मंत्री कवासी लखमा ने ग्रामीणों को 141 पट्टे भी बांटे.
मंत्री से मिलने उमड़ा जनसैलाब : जैसे ही मंत्री कवासी लखमा के आने की खबर ग्रामीणों को लगी वैसे ही लोग उनसे मिलने के लिए उमड़ पड़े.इस दौरान कवासी लखमा ने विशाल जनसैलाब को संबोधित भी किया.अपने संबोधन में कवासी लखमा ने साल 2004 में गोल्लापल्ली के आदिवासी आश्रम के उद्घाटन की बात कही. लखमा ने बताया कि ”प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने गोल्लापल्ली को सौगात दी थी. मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि जब महेंद्र कर्मा नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे. उस दौरान गोल्लापल्ली पहुंचे. उसके बाद से सलवा जुडूम शुरू हुआ.गोल्लापल्ली आने का हिम्मत नहीं हुआ. आज काफी दिनों के बाद मैं पोटंगपाड़ गया. जिसे देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई .”
ग्रामीणों का पुलिस कैंप पर भरोसा :लखमा ने ग्रामीणों से बातचीत के दौरान पूछा कि पुलिस कैंप के कारण अब उनकी जिंदगी कैसी है. जवाब में ग्रामीणों ने कहा कि पहले पुलिस कैंप के कारण डर लगता था. लेकिन अब कैंपों में जाकर वो अपना इलाज करवाते हैं. साथ ही साथ अब ग्रामीणों ने गोल्लापल्ली में मोबाइल टावर,सड़क और खेल मैदान की मांग की है. कवासी लखमा ने गोल्लापल्ली में 10 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से बनने वाले निर्माण कार्यों का भूमि पूजन भी किया
क्यों गोल्लापल्ली तक पहुंचना था मुश्किल :बस्तर संभाग के सुकमा जिले का गोल्लापल्ली इलाका बेहद ही नक्सल प्रभावित है. इस इलाके में नक्सलियों का खूंखार लीडर कहे जाने वाले रमन्ना की मौजूदगी बीते वर्षों में रही. जिसके बाद इस इलाके की कमान खूंखार नक्सली हिड़मा के हाथों में गई. जिसकी वजह से 18 वर्षों तक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की आवाजाही पूरी तरह से बंद थी. वर्ष 2022 के जून महीने से कोंटा से गोलापल्ली तक सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया. जिसके बाद से ग्रामीणों के साथ ही अन्य अधिकारियों का जाना शुरू हुआ. यही कारण है कि आज छत्तीसगढ़ प्रदेश के उद्योग और आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी प्रशासनिक अमले के साथ गोल्लापल्ली पहुंचे और ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी.
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