श्रम विरोधी कला कानून ट्रेड यूनियन एवं किसान विरोधी बिल के विरोध में इंटक धरना कर रद्द करने की किये मांग

राजेन्द्र देवांगन
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श्रम विरोधी कला कानून ट्रेड यूनियन एवं किसान विरोधी बिल के विरोध में इंटक धरना कर रद्द करने की किये मांग

भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (INTUC) छत्तीसगढ़ प्रदेशाध्यक्ष दीपक दुबे ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पास किये श्रम कानून,ट्रेड यूनियन कानून एवं किसान बिल जो श्रमिक किसान एवं मजदूर यूनियन के अहित में है जिसके विरोध में कछेरी चौक में विरोध कर धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर जांजगीर के माध्यम महामहिम राष्ट्रपति केंद्रीय श्रममंत्री मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपते हुवे कांग्रेस जिलाध्यक्ष ड्रा चौलेश्वर चंद्राकर ने धरना को संबोधित करते हुवे कहा कि लोकसभा में श्रम कानून संबंधी तीन विधेयक पास किया ये तीनों बिल प्रवासी और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की परिभाषा को बदल सकते हैं, जिसका हम श्रमिक नेता विरोध करते है। लोक सभा मे विपक्ष के नेताओ के विरोध बावजूद सरकार ने देश में श्रम कानून से जुड़े तीन महत्वपूर्ण बिल पास कराए असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए काम करने वालो के लिए यह “मजदूर-विरोधी” है।
कांग्रेस जिला प्रवक्ता श्री शिशिर द्विवेदी ने कहा कि देश में आजादी से पहले की कानूनों को बदला जा रहा है और इन श्रम कानूनों को बदलकर श्रम संहिताओं में लाया जा रहा है। जिसमें देश में मजदूरों की स्थिति और ज्यादा दयनीय हो जाएगी उद्योगों उपक्रमो में काम के 8 घंटे के अधिकार को अब 12 घंटे में बदल दिया गया है। प्रोविडेंट फंड, ईएसआई और मजदूरों से कल्याण से जुड़े कानूनों को बदल दिया गया है। अब रोजगार के स्थाई प्रारूप को बदलकर सीमित समय के लिए काम दिया जाएगा जिससे नौजवानों का भविष्य बर्बाद होने वाला है

वरिष्ठ कांग्रेसी श्री देवेश कुमार सिंह के कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने मजदूरों के विरोध करने के अधिकार को भी खत्म कर दिया है यूनियन बनाने और हड़ताल करने के अधिकार पर भी भारी भरकम जुर्माना लगाने और जेल भेजने तक के प्रावधान कर दिए हैं। जो मजदूरों को बंधुआ मजदूरी की तरफ धकेलने का ही काम करता है कांग्रेस जिला महामंत्री शत्रुघन दास महंत ने कहा कि इन विधेयकों के जरिए सरकार का इरादा श्रम सुरक्षा को खत्म करना है 44 श्रम कानून के बदले 4 लेबर कोडों की प्रक्रिया और सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। 50 वर्ष की आयु अथवा30 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले नियमित सरकारी कर्मचारियों की छंटनी व जबरन रिटायरमेंट पर रोक लगाई जाए जिला पंचायत प्रतिनिधि इंटक प्रदेश उपाध्यक्ष कमल साव ने कहा मोदी सरकार ने रेल बीएसएनएल कोयला सहित 26 कंपनियों को निजीकरण किया जा रहा हैं
इंटक प्रदेश सचिव जिला पंचायत सदस्य दिलेश्वर साहू ने कहा कि बस्तर नगर नार स्टिल प्लांट निजीकरण को रद्द करने की मांग करते हैं इस औद्योगिक इकाई बस्तर क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों रोजगार के अवसर मिलेगा
छत्तीसगढ़ के लिए यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि राज्य के जनजातीय क्षेत्र में प्रस्तावित सार्वजनिक क्षेत्र के स्टील प्लांट का निजीकरण किया जाएगा केंद्र के फैसले से लाखों आदिवासियों की उम्मीदों टूट जाएंगी महिला इंटक प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती सुनीता दुबे ने कहा कि मोदी सरकार ने एसईसीएल के निजीकरण के विरोध करते हुवे मांग करते हैं एसईसीएल के भुविस्थापित जो आज वर्षो से अपने हक रोजगार के लिए आंदोलन कर रहे हैं उनको अतिशीघ्र रोजगार दिया जाए कोरोना काल मे केंद्र सरकार द्वारा उद्योगों में कार्यरत श्रमिको मजदूरों को बंद के दरमियान वेतन देने की बात कही गई थी उनको आज तक वेतन नही मिला अतिशीघ्र वेतन देना सुनिश्चित की जाए अन्यथा विवस होकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अनिश्चित कालीन धरना आंदोलन करने की चेतावनी दिए धरना में आभार व्यक्त इंटक जिलाध्यक्ष मारुति उपाध्याय युवा इंटक जिलाध्यक्ष जनपद सभापति संजय रत्नाकर असंगठित इंटक जिलाध्यक्ष फडीन्द्र सिंह इंटक जिला उपाध्यक्ष मोहन दास महंत इंटक जिला महामंत्री ललित चौबे ठकेस्वर गभेल,मोरध्वज वैष्णव, तरुण कौशिक,खिलेश्वर कौशिक,संपत चंद्रा,फुलेश्वर चंद्रा,किशोर चन्द्र,रमेश साहू,नवधा लहरे सहित भारी संख्या में कांग्रेस जन इंटक पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित थे

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