
भैंस से टकराकर चार बाइक सवार घायल एक की हालत गंभीर…!
हसौद थाना अंतर्गत रामबाई कन्हैया कालेज के पास चार बाइक सवार भैंस से टकरा कर गिर पड़े । तीन बुरी तरह घायल और चौथे की हालत गंभीर बताई जा रही है । मिली जानकारी अनुसार तीस जनवरी की रात लगभग आठ बजे बाइक में सवार चार लोग डभरा से कुटरा बोर जा रहे थे । बताया जा रहा है कि उन लोगों ने शराब पी रखी थी जैसे ही बाइक रामबाई कन्हैया कालेज से लगभग पचास मीटर दूरी पूर्व धान मंडी केन्द्र के पास पहुंची सामने ही चल रही भैंस से टकराकर बाइक बुरी तरह गिरी और चारों बाइक सवार जमीन में बाइक से घिसटते हुए गिरे । बताया जा रहा है कि गाड़ी की गति तेज थी और अंधेरे में भैंसें दिख नहीं पाई साथ ही अचानक ही भैंस के सामने आने से बाइक चालक गाड़ी का संतुलन संभाल नहीं पाया और बाइक भैंस से टकरा कर तेज आवाज के साथ गिर पड़ी । प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चारों ने शराब पी रखी थी और अंधेरे में भैंसें दिखाई नहीं दे रही थी । कुछ दिन पूर्व सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया गया है लेकिन लोगों की लापरवाही ही लोगों की जान ले रहीं हैं फिर चाहे वे लोग पशु पालक हो , चाहे बाइक सवार और साथ ही यातायात विभाग । यातायात विभाग द्वारा सडक सुरक्षा सप्ताह केवल थाने और चौक चौराहों में मनाया जा रहा है जबकि इसकी आवश्यकता हर जगह है ।
बिना हेलमेट फर्राटे भरती गाड़ी
हमारे देश में इस तरह के साप्ताहिक सुरक्षा कार्यक्रम केवल कार्यक्रम बनकर रह जाते हैं या किसी दिन विशेष को बिना हेलमेट पहने लोगों पर जुर्माना लगाये जाने का दिवस जबकि बिना हेलमेट गाड़ी चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए । इस विषय में झारखंड की राजधानी रांची से सीखना चाहिए जहां बाइक चालक और बाइक सवार दोनों को हेलमेट पहनना अनिवार्य हैं और एक बाइक पर सिर्फ दो लोगों को बैठने की अनुमति है । यातायात विभाग की कड़ाई ने रांची के लोगों की आदतों में मास्क और हेलमेट पहनना शुमार कर दिया है । ये नियम हमारे राज्य और पूरे देश मे है लेकिन इसका पालन हमारे राज्य में नहीं होता है कारण है हमारे यातायात विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई का अभाव अगर इसे एक अभियान बनाकर लगातार चलाया जाये तो रांची की तरह धीरे धीरे यह लोगों की आदतों में शुमार हो जायेगा परंतु हमारे देश और राज्य में इस तरह के अभियान कुछ समय चलकर खत्म हो जाते हैं और इसमें केवल यातायात विभाग नहीं बल्कि युवा बाईक सवारों के माता-पिता भी जिम्मेदार है जो अपने बच्चों को हेलमेट की उपयोगिता समझा कर उसे पहनने मजबूर नहीं करते ।
स्कूल कालेजों में अनिवार्य किया जाये हेलमेट
सुबह सात बजे और ग्यारह बजे सड़कों पर स्कूल यूनिफॉर्म में स्कूटी और बाइक दौड़ाते बच्चों को आराम से देखा जा सकता है और साथ ही महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओ को भी गाड़ी लहराते देखा जाता है । इनमें से निन्यानबे प्रतिशत बच्चे और युवा बिना हेलमेट होते हैं । हर स्कूल और कॉलेज में हेलमेट बिना प्रवेश नहीं देने का नियम लागू कर दिया जाये तो इन दूर्घटनाओ में नुकसान की आशंका कम हो सकती है और यह युवाओं में हेलमेट पहनने की जरूरत को आदत बनाया जा सकता है ठीक वैसे ही जैसे बिलासपुर के गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओ को हेलमेट अनिवार्य कर उसे आदत का हिस्सा बनाया जा चुका है और इस तरह हम सिर पर चोट लगने से होने वाली मौतों को कम कर सकते हैं ।